चारों तरफ गोलीबारी हो रही थी, रॉकेट दागे जा रहे थे, जिनकी आवाजें सुनकर दिल दहल रहा था। लगा रहा था, जैसे हम भी नहीं बचेंगे। हमास के लड़ाके जिस तरह कत्लेआम कर रहे थे। बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों को पकड़-पकड़ उनके गले काट करे थे, देखकर दहशत हो रही थी। शिविर में रहकर खुद को सुरक्षित महसूस किया, लेकिन अपने वतन लौटने की चाह थी। गनीमत रही कि भारत सरकार ने ऑपरेशन अजय चलाकर हमें इजरायल से सुरक्षित वापस निकाल लिया। यह कहना था, शुक्रवार इजरायल से वापस लौटे भारतीयों का, जो पिछले कई दिनों से इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध में फंसे थे।

इजरायल में हमास के लड़ाके कर रहे नरसंहार

फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास और इजरायल के बीच 7 अक्टूबर से जंग जारी है। जंग में नरसंहार हो रहा है। अब तक कई देशों के नागरिक मारे जा चुके हैं। इससे चिंतित भारत सरकार ने इजरायल में बसे भारतीयों की वापसी के लिए ऑपरेशन अजय चलाया, जिसके तहत शुक्रवार को 212 भारतीयों को लेकर पहली फ्लाइट इजरायल के तेल अवीव से नई दिल्ली पहुंची। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एयरपोर्ट पर सभी भारतीयों का स्वागत किया। इजरायल में 18 हजार से अधिक भारतीय रहते हैं, जिन्हें निकालने के लिए भारत सरकार प्रयासरत है और सभी भारतीयों को वहां से निकालने का वादा भी किया है।

गोलियों-रॉकेट की आवाजें दिल दहला रही थीं

इजरायल से वतन लौटने वाले 212 भारतीयों में से अधिकांश छात्र हैं। सुरक्षित वतन लौटने पर सभी भारतीयों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। इजरायल से लौटे एक छात्र ने बताया कि मैं वतन लौटकर, अपने परिवार के बीच आकर काफी सुरक्षित महसूस कर रहा हूं। इजरायल में हालात बहुत डरावने हैं। पैरेंटस बहुत चिंतित थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने उनकी चिंता दूर कर दी। इजरायल में गोलियों और रॉकेट की आवाजें दिल दहला रही थीं। चारों तरफ मार काट हो रही थी। इधर-उधर लाशें पड़ी हैं। हमास के लड़ाके बेखौफ होकर लोगों को मार रहे हैं। उनके घरों को जलाकर तबाह कर रहे हैं।

इंडियन एंबेसी 24 घंटे से कॉन्टैक्ट में थी

इजरायल से लौटे जयपुर के छात्रों ने बताया कि इजरायल में चीख पुकार मची है। हालात बहुत खराब हैं। जहां देखो वहां रोते बिलखते लोग हैं। हम शिविरों में रह रहे थे। इस बीच इंडियन एंबेसी से सामान पैक रखने का संदेश आया तो राहत की सांस ली। इसके बाद भी जिंदगी की दुआ मांगते रहे। करीब 24 घंटे तक लगातार इंडियन एंबेसी संपर्क करती रही। कुछ साथी अपने ठिकानों से बाहर सड़कों पर फंस गए थे, क्योंकि अचानक हमास के लड़ाकों ने हमला कर दिया था। किसी तरह बचते-बचाते वे अपने कमरों तक पहुंचे। कुछ लोग तो दूसरे शहर की तरफ निकल गए थे, लेकिन लड़कियों के लिए निकलना आसान नहीं था।


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