मोरक्को में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या 2900 से भी ज्यादा हो गई है और कम से कम 2000 लोग घायल हुए हैं। देश में शुक्रवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जो यहां पिछले 120 साल में आया सबसे भीषण भूकंप है। भूकंप की वजह से ऐतिहासिक मराकेश शहर से लेकर एटलस पर्वत पर स्थित गांवों तक कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। इस आपदा में कई लोग मलबे में दब गए और संसाधनों की कमी के कारण 66 साल के मोहम्मद औशेन जैसे कई लोगों को अपनों को बचाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी।

शख्स ने नंगे हाथों से खुदाई कर बहन को बचाया

मोहम्मद औशेन ने रॉयटर्स से बात करते हुए बताया कि उनके गांव में तमाम लोग मलबे में दबे पड़े थे और उनके पास उन्हें निकालने के लिए सही औजार नहीं थे। औशेन ने कहा कि उनके गांव में लोगों ने हाथों से ही मलबे को खोदकर कम से कम 25 लोगों की जान बचाई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद अपनी बहन के साथ-साथ उसके बेटे और पति को नंगे हाथ खुदाई कर मलबे से बाहर निकाला। औशेन ने बताया कि भूकंप ने उनके गांव में दर्जनों लोगों की जान ले ली है, और कई लोग घायल हुए हैं।

मोरक्को के सुल्तान ने की पीड़ितों से मुलाकात

इस बीच मोरक्को के सुल्तान मोहम्मद षष्टम ने पिछले हफ्ते शक्तिशाली भूकंप का केंद्र रहे इलाके से कुछ दूर मराकेश में पीड़ितों से मुलाकात की और इलाज एवं देखभाल सुविधाओं का जायजा लेने के साथ ही रक्तदान भी किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुल्तान ने मराकेश में अपने नाम पर बने अस्पताल का दौरा कर शुक्रवार को आए भीषण भूकंप में घायल लोगों का समुचित इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। विनाशकारी भूकंप के बाद कई लोगों को मूलभूत जरूरत की चीजों, जैसे कि भोजन और तंबू की जरूरत है। इनके पास खुले आसमान के नीचे सड़कों पर सोने के अलावा और कोई चारा नहीं है।


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