मेरा नाम रिंकू चौरसिया है और मैं अयोध्या में बनारसी पान का दुकान चलाता हूं. पिछले 102 साल से मेरा परिवार पान का कारोबार कर रहा है. आप जब हमारे दुकान पर आओगे तो आपको जानकर आश्चर्य लगेगा कि मैं एक छोटा सा दुकान चलाता हूं, दुकान पर नाम के लिए कोई साइन बोर्ड भी नहीं लगा है लेकिन अयोध्या भर में मैं और मेरा दुकान फेमस है. फेमस होने का कारण क्या है यह आपको आगे बताऊंगा।
इन दोनों राम की नगरी अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन है. यह मेरे पूर्वजों का किया हुआ अच्छा कर्म है कि मुझे हर रोज भगवान राम की सेवा करने का मौका मिलता है. मेरे दुकान से भगवान राम को भोग लगाने के लिए हर रोज 51 पान का प्रसाद भेजा जाता है. मंदिर प्रशासन द्वारा इस काम के लिए मुझे 5100 की सैलरी मिलती है. पिताजी के समय मात्र 20 पान का प्रसाद भोग लगाया जाता था. मेरा छोटा भाई हर रोज समय से भगवान का प्रसाद लेकर मंदिर पहुंच जाता है. अयोध्या राम मंदिर प्रशासन द्वारा छोटे भाई को पास दिया गया है ताकि समय से भगवान को प्रसाद प्राप्त हो सके।
रिंकू कहते हैं कि 102 साल पहले उनकी दादी रामप्यारी ने इस परंपरा का शुभारंभ किया था, इसके बाद से यह नियम आज भी जारी है. चाहे आंधी हो या बरसात. कर्फ्यू हो या धारा 144. आज तक नियम नहीं टूटा है. आगे भी नहीं टूटेगा।
रिंकू बताते हैं कि पापा के समय मात्र एक दुकान हुआ करता था लेकिन अब हम तीन भाई अयोध्या में तीन पान दुकान चलाते हैं. भगवान राम को 51 पान का प्रसाद लगता है इसे लगाने में आधे घंटे का समय लगता है और पैकिंग में भी आधे घंटे रिंकू का परिवार 102 साल से रामलला के लिए पान का बीड़ा बना रहा है।
अयोध्या के जैन मंदिर चौराहे पर चौरसिया बाबू का पुश्तैनी घर है। यहीं उनकी सबसे पुरानी दुकान भी है, जो कारसेवकपुरम के नजदीक है। अमरीश प्रसाद यहीं से पान बनाकर मंदिर तक ले जाते थे। चाहे नॉर्मल दिन रहा हो या फिर 1992 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान अयोध्या में लगा कर्फ्यू, रामलला के लिए पान मंदिर जरूर गया है।
रिंकू बताते हैं कि 1992 में राम मंदिर आंदोलन की वजह से शहर में कर्फ्यू लगा था। तब भी हमारे यहां से रामलला के लिए पान जाते थे। मेरे पिता अमरीश प्रसाद चौरसिया को पुलिस की सिक्योरिटी मिलती थी, ताकि वे मंदिर तक पान पहुंचा सकें।’
रिंकू कहते हैं, ‘रामलला तो छोटे बच्चे हैं। इसलिए उनके लिए मीठा पान बनता है। इसमें 13 खास पान मसाले कत्था, गरी, सौंफ, मीठा मसाला, गुलकंद, चेरी, केसर, लौंग-इलायची, मीठी चटनी और गुलाब जल डाले जाते हैं। चूना और सुपारी कम डालते हैं क्योंकि पान बाल रूप के लिए बनाया जाता है।’
Discover more from The Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts to your email.