निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी ने कहा इस दौरान उन्होंने राम मंदिर को लेकर तमाम बातें कहीं। उन्होंने कहा, ‘भारतीय संस्कृति में इससे बड़ा उत्सव का पल नहीं आ सकता। सभी परंपराओं के लिए राम माता-पिता के समान हैं। आज भारत ही नहीं, देव-दनुज सब खुश हैं।’

पीएम मोदी की तारीफ की

कैलाशानंद गिरी ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘प्राण प्रतिष्ठा के लिए पीएम मोदी के अलावा एक योग्य व्यक्ति बता दीजिए। अहिल्या बाई होलकर के बाद सनातन परंपराओं के उद्धारक मोदी हैं। प्रधानमंत्री ने मंदिरों का जीर्णोद्धार किया। बाकी ‘राजाओं’ में सामर्थ्य तो था लेकिन इच्छाशक्ति नहीं थी। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अवसर पीएम के कारण मिला। पीएम मोदी को ये मौका राम के कारण मिला। ईश्वर ने पीएम को सनातन काज के लिए विशेष रुप से भेजा है।’

सनातन पर क्या कहा?

कैलाशानंद गिरी ने सनातन का अर्थ भी समझाया। उन्होंने कहा, ‘सनातन परंपरा बहुत विराट है। जो राम का नहीं, वो राष्ट्र का नहीं, वो किसी काम का नहीं। सनातन ने कभी जाति को नहीं बांटा। धर्म विरोधी लोग धर्म और राष्ट्र को बांटने की बात करते हैं। राष्ट्र विरोधी लोग धर्म और राष्ट्र को बांटने की बात करते हैं। राम विरोधी लोग धर्म और राष्ट्र को बांटने की बात करते हैं।’

‘अयोध्या सज रही, काशी की तैयारी चल रही, मथुरा बाकी’

कैलाशानंद गिरी ने कहा, ‘अयोध्या सज रही है। काशी की तैयारी चल रही है। मथुरा बाकी है। काशी तो हमारा है। इनको भी पता है। ज्ञानवापी के अंदर भगवान शिव बैठे हैं। नंदीश्वर बता रहे हैं, सनातनियों तुम्हारा आराध्य बैठा है। मथुरा में उनको पता है कि, वहां इनका कुछ नहीं है। बाहर से आए क्रूर राजाओं ने मंदिरों का शिखर तोड़ा।’

कैलाशानंद ने कहा कि बेटी, रोटी, चोटी, राम, राष्ट्र और रोटी की रक्षा करनी है। शिक्षा, दीक्षा और भिक्षा की रक्षा करनी है।

भगवान राम के घर में लाने वाला व्यक्ति यशस्वी: कैलाशानंद

कैलाशानंद ने कहा कि भगवान राम के पास घर नहीं था, राष्ट्र के लिए व्यथित समय था। जो घर देता है, जो राष्ट्र देता है वो बेघर था। अधर्मी लोग माता-पिता को अनाथालय में भेज देते हैं। भगवान राम के घर में लाने वाला व्यक्ति यशस्वी है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को समृद्ध किया है। उपेक्षित सनातन परंपरा को पूर्ण किया है। राम ने उनको याद किया, बहुत काम अभी बाकी है। जो राष्ट्र का कल्याण चाहता है, लोग उसका पतन कैसे चाहेंगे। राम सीधे कृपा कर रहे हैं, प्रधानमंत्री भी साधु ही हैं। जितने छूटे हुए कार्य हैं, भगवान राम प्रधानमंत्री से कराना चाहते हैं। सभी साधु-संतों का आशीर्वाद प्रधानमंत्री के साथ है।


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