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बिहार में मेडल लाओ और सरकारी नौकरी पाओ, 81 लोगों को नौकरी दी जाएगी: तेजस्वी यादव

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने आ यानी रविवार को एक कार्यक्रम में  एक बार फिर से मेडल लाओ नौकरी पाओ का नारा दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों को सिर्फ पढ़ाई-लिखाई ही नहीं खेलकूद में भी ध्यान देने की जरूरत है। बिहार में मेडल लाकर कोई बीडीओ, कोई इंस्पेक्टर बन रहा है। जल्द ही 81 लोगों को नौकरी दी जाएगी।

तेजस्वी यादव ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि जो मेडल लाएगा, वो नौकरी पाएगा। बेरोजगारी आज की तारीख में दुश्मन है। युवा पढ़ लिखकर भी नौकरी नहीं पाते हैं। डिग्री रहती है लेकिन नौकरी नहीं मिलती। इसके लिए बिहार सरकार नई पॉलिसी लेकर आई है। इसके तहत 81 खिलाड़ियों को अधिकारी बनाया गया है। कोई एसआई तो कोई बीडीओ बन रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत कर जल्द ही इन सभी को जॉइनिंग लेटर जल्द दिया जाएगा।

मालूम हो कि, बिहार सरकार की ओर से लगातार बेरोजगारों को नौकरी देने की कवायद की जा रही है। इसी क्रम में 1 लाख 20 हजार बीपीएससी से बहाल शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग सहित ग्रामीण कार्य विभाग में बंपर बहाली निकल रही है। साथ ही बिहार के युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों और विभागों में नियुक्त किया जा रहा है। उसी कड़ी में खिलाड़ियों के लिए बड़ी खबर आई है।

उधर, छात्र आंदोलन के नायक जय प्रकाश नारायण पर बनने वाली फिल्म में लालू यादव का भी किरदार होने की बात कहते हुए तेजस्वी यादव ने कहा की इस फिल्म के निदेशक कल हमारे घर पापा से मुलाकात करने आए थे। सोनी लिव के पर यह वेब सीरिज आएगी। इसमें जय प्रकाश जी के दौरकी कहानी होगी। मेरे पिता लालू जी की भी कहानी होगी और बिहार की चर्चा होगी। यह सब बिहार में काम हो रहा है और यह अच्छी बात है।

तेजस्वी यादव ने दिया बड़ा बयान, कहा- गिरिराज सिंह फ्लाइट में थे चिंतित, बोले इस बार टिकट मिलेगा भी या नहीं

लालू यादव और गिरिराज सिंह दिल्ली से पटना एक ही फ्लाइट में साथ बैठकर आए। इस दौरान जब गिरिराज सिंह पटना एयरपोर्ट से बाहर निकले तो उन्हें मीडियाकर्मियों ने घेर लिया। मीडिया कर्मियों ने सवाल किया कि हवाई जहाज में लालू यादव के साथ आए, लालू यादव ने क्या कहा? इसके जवाब में गिरिराज सिंह ने कहा कि लालू जी ने कहा कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाए बगैर बिहार नहीं चलेगा। इस बाबत अब तेजस्वी यादव का भी बयान आ गया है। तेजस्वी यादव ने गिरिराज सिंह के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि गिरिराज सिंह तो मेरे साथ बैठे थे और काफी चिंतित थे। हमसे गिरराज सिंह कह रहे थे कि केंद्र में किसी मंत्री की चलती नहीं है। पता नहीं इस बार टिकट मिलेगा या नहीं।

तेजस्वी यादव ने गिरिराज पर दिया बयान

तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि गिरिराज सिंह की बातें बेकार की है, काल्पनिक बाते हैं। उन्होंने कहा कि लालू जीत दूसरी तरफ बैठे थे। गिरिराज जी हमारे साथ बैठे थे। जब पटना लैंड करने वाले थे तो उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा। इसके बाद गिरिराज सिंह ने पूछा कि मटन कब खिलाइएगा? इसपर मेरे पिता ने कहा कि आपको झटका वाला मटन खिलाएंगे। हमसे गिरिराज जी ने बहुत सारी बाते कीं। वो परेशान थें कि तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों का जिस तरह बदलाव हुआ था और जिस तरह से केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा चुनाव लड़ाया गया। तेजस्वी यादव ने कहा कि गिरिराज सिंह ने बताया कि केंद्र में एक दो ही मंत्री हैं जिनकी केंद्र में चलती है।

नीतीश कुमार ने तेजस्वी से की मुलाकात

तेजस्वी यादव ने कहा कि सच्चाई इतनी ही थी कि लालू जी से इतनी ही बात हुई। बाकी हमसे से जो बात हुई वो हमने बता दी। बता दें कि फिलहाल बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है। दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को मिलने के लिए बुलाया था। सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बैठक चली. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में कैबिनेट विस्तार, सीटों के बंटवारे पर चर्चा होने की खबर है। बताया जा रहा है कि इस गठबंधन में उन्हें ज्यादा प्राथमिकता ना मिलने से वह नाराज चल रहे हैं। वहीं इसी बीच गुरुवार 21 दिसंबर को कांग्रेस राहुल गांधी ने उनसे फोन पर बातचीत की।

बिहार में राजनीतिक हलचल तेज, जदयू का होगा राजद में विलय? नीतीश और लालू निभाएंगे ये भूमिका

बिहार की सियासत में सियासतदानों के कई फैसले अक्सर हैरान कर देते हैं. कई बार धुर विरोधी राजनेता और सियासी दल एक दूसरे के साथ आ जाते हैं और सियासी बिसात ही बदल जाती है. एक बार फिर से बिहार की सियासत में एक नए किस्म की सुगबुगाहट देखने को मिल रही है. इससे कयासबाजी का दौर भी तेज हो गया है. पिछले कुछ दिनों से चर्चा का बाजार फिर से गर्म है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू यादव कोई ऐसा फैसला करेंगे जो सबसे बड़े राजनीतिक उलटफेर की बानगी बनेगा. इसमें जदयू का राजद में विलय होने की बातें सबसे प्रमुख है. अगर ऐसा हुआ तो यह बिहार ही नहीं देश की सियासत के लिए एक बड़े बदलाव का सूचक बन जाएगा. वहीं कई स्थापित राजनेताओं का कद भी बदल जाएगा.

दरअसल अक्टूबर में भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि जदयू टूटने की ओर बढ़ रही है और अगले चुनाव से पहले ललन सिंह की पार्टी का राजद में विलय हो जाएगा. उनका जदयू को ललन सिंह की पार्टी बताकर संकेत था कि जदयू में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ललन सिंह के बीच अंतर्कलह है. सुशील मोदी की बातों को ही आगे बढ़ाते हुए पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी यही दोहराया. केंद्रीय मंत्री व भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने दावा किया है कि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू राजद में विलय होने वाली है और नीतीश कुमार की भूमिका भी तय कर दी गई है.

जदयू को लेकर भाजप नेताओं के इन दावों ने सियासी भूचाल मचा दिया है. इस बीच, 29 दिसंबर को राजधानी दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति और राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी. इसमें नीतीश कुमार को लेकर कहा जा रहा है कि वे कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. विशेषकर ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाने को लेकर मीडिया के एक वर्ग में जोरदार चर्चा है. हालांकि शनिवार को ललन सिंह ने ऐसी खबरों का खंडन किया. उन्होंने ऐसे दावों के लिए भाजपा नेताओं को आड़े हाथों लिया और सस्ती लोकप्रियता तथा मीडिया में सुर्खिया बटोरने के लिए इन बयानों को दिया जा रहा बताया.

ललन सिंह को 31 जुलाई 2021 को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था. उनका दो साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है. ऐसे में जदयू में अध्यक्ष बदलने की बातों को हवा दी जा रही है. इस बीच, दावा यह भी किया जाता है कि ललन सिंह की इन दिनों लालू यादव और तेजस्वी यादव के करीबी हो गए हैं. हालांकि ललन सिंह इस सवाल को लेकर मीडिया और भाजपा को लताड़ चुके हैं. वहीं तेजस्वी यादव भी इसे लेकर पहले ही कह चुके हैं कि गिरिराज सिंह सिर्फ सुर्खियों में बने रहने के लिए ऐसा बयान दिए हैं.

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि नीतीश कुमार और लालू यादव की विशिष्ट राजनीतिक पहचान है. ऐसे में दोनों अगर एक साथ आते हैं तो उन्होंने अब तक जो पहचान स्थापित की है वह खत्म हो जाएगी. इतना ही नहीं दोनों की सियासत अलग अलग रहने पर जातीय और सामाजिक तौर बेहद मजबूत है. अगर वे एक साथ आते हैं तो इससे उनके साथ रहने वाले कई नेताओं को झटका लगेगा. नीतीश कुमार कभी नहीं चाहेंगे कि उनके जीवन भर की सियासी कमाई खत्म हो जाए. इतना ही नहीं ललन सिंह के लालू-तेजस्वी के साथ जाने की बातें भी राजनीतिक जानकर नकारते हैं. दोनों अपनी विशिष्ट पहचान और पकड़ रखते हैं. ललन सिंह को लेकर जदयू से अलग होने की खबरें भी भाजपा की ओर से सियासी तंज हो सकता है.

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने विदेश दौरे की इजाजत मांगी, कोर्ट में दी याचिका

बिहार के डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका देकर विदेश दौरे की इजाजत मांगी है। कोर्ट ने उनकी अर्जी को मंजूर कर लिया है। तेजस्वी ने  6 से 18 जनवरी, 2024 तक ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की यात्रा की अनुमति मांगी थी।

ईडी ने फिर भेजा समन

इस बीच तेजस्वी यादव को ED ने एक बार फिर समन भेजा है। इस बार ईडी ने लैंड फॉर जॉब मामले में पूछताछ के लिए तेजस्वी को पांच जनवरी को बुलाया है।  शुक्रवार को भी ED ने तेजस्वी को पूछताछ के लिए समन किया था,लेकिन तेजस्वी जांच एजेंसी के सामने पेश नही हुए। जिसके बाद अब ED ने तेजस्वी को नया समन भेजा है। इसी मामले में ED ने लालू यादव को भी समन भेजा है। उन्हें 27 दिसंबर को पूछताछ के लिए समन भेजा गया है। तेजस्वी यादव को लैंड फॉर जॉब मामले में शुक्रवार को ईडी के सामने पेश होना था लेकिन वे पेश नहीं हुए। उन्होंने बृहस्पतिवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा था कि ईडी के समन ‘कुछ नया नहीं’है।

बीजेपी के निर्देशों पर काम कर रही हैं जांच एजेंसियां-तेजस्वी

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां ​​बीजेपी के निर्देशों के अनुसार काम कर रही है। यादव ने कहा, “समन में कुछ भी नया नहीं है। इन सभी एजेंसियों ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग ने मुझे पहले भी कई बार बुलाया है और मैं हर बार विधिवत पेश हुआ हूं लेकिन अब ऐसा लगता है कि यह नियमित बात बन गई है।” राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के युवा नेता ज़मीन के बदले नौकरी घोटाले में जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं। ईडी ने यादव के अलावा उनके पिता और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को भी समन जारी किया है। लालू प्रसाद कथित घोटाला होने के समय रेल मंत्री थे। प्रसाद को 27 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा गया है।

मेरी भविष्यवाणी सच हो गई-तेजस्वी

तेजस्वी यादव ने कहा, “मैंने हमेशा कहा है कि यह इन एजेंसियों की गलती नहीं है जिन्हें इतने दबाव में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है लेकिन मुझे यह बताना होगा कि कुछ समय पहले मैंने जो भविष्यवाणी की थी वह सच हो गई है।” उन्होंने कहा, ”मैंने कहा था कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव खत्म होते ही ये एजेंसियां फिर से काम पर लग जाएंगी और बिहार, झारखंड और दिल्ली पर अपना निशाना साधेंगी। आप देख सकते हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ क्या हो रहा है।”

आम आदमी पार्टी के संस्थापक केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष बृहस्पतिवार को पूछताछ के लिए एक बार फिर पेश नहीं हुए और आरोप लगाया कि समन राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के इशारे पर जारी किए गए हैं, जो विपक्ष की आवाज दबाना चाहते हैं। केजरीवाल को ईडी ने बृहस्पतिवार को आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन वह बुधवार को 10 दिवसीय विपश्यना ध्यान सत्र के लिए चले गए।

बिहार में सियासी हलचल तेज, आधे घंटे तक चली CM नीतीश और तेजस्वी की मुलाकात

बिहार की सियासत में हलचल उस समय तेज हो गई जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को मिलने के लिए बुलाया। सूत्रों के मुताबिक इन दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक मुलाकात चली। सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात में कैबिनेट विस्तार, सीटों के बंटवारे पर चर्चा होने की खबर है।

राहुल ने नीतीश से बात की

बताया जा रहा है कि इस गठबंधन में उन्हें ज्यादा प्राथमिकता ना मिलने से वह नाराज चल रहे हैं। वहीं इसी बीच गुरुवार 21 दिसंबर को कांग्रेस राहुल गांधी ने उनसे फोन पर बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच पिछली बैठक के दौरान हुए चर्चा और फैसले और उन्हें अमल में लाए जाने को लेकर बातचीत हुई है। सूत्र दावा कर रहे हैं कि नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन में अहम जिम्मेदारी दी जाएगी और जल्द ही सीट शेयरिंग और साझा कार्यक्रम पर फैसले लिए जाएंगे। राहुल गांधी से बात होने के बाद नीतीश ने तेजस्वी को मिलने के लिए बुलाया।

इंडिया अलायंस की बैठक से पहले लगे थे पोस्टर

इससे पहले इंडिया अलायंस की बैठक से पूर्व  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका सौंपने की मांग वाले पोस्टर  राजधानी पटना के कई हिस्सों में लगाए गए था। इन पोस्टर के बारे में कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की ओर से त्वरित स्पष्टीकरण आया कि उसका इन पोस्टर से कोई लेना-देना नहीं है। जदयू के सर्वोच्च नेता कुमार ने पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि उनकी कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं, उनका एकमात्र उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता को मजबूत करना है । बिहार में जदयू के साथ महागठबंधन सरकार में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपनी ओर से यह स्पष्ट कर दिया है कि प्राथमिक लक्ष्य लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराना है और अगर इस प्रक्रिया में मुख्यमंत्री को शीर्ष पद मिलता है, तो यह “बिहार के लिए गर्व की बात” होगी।

ममता बनर्जी ने खरगे का नाम आगे किया

वहीं सूत्रों के मुताबिक इंडिया अलायंस की बैठक में टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम के चेहरे के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम आगे किया है। उनके इस प्रस्ताव पर इंडिया गठबंधन के कई नेताओं ने तो सहमति जताई, लेकिन कई इसके खिलाफ बताए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, ममता दीदी के इस प्रस्ताव से सबसे ज्यादा परेशानी लालू यादव और नीतीश कुमार को हुई। बताया जा रहा है कि ममता के इस प्रस्ताव से दोनों नाराज़ हैं। यही वजह है कि अब तक ना तो लालू यादव कुछ बोले और ना ही नीतीश कुमार का कोई बयान आया। वहीं पीएम फेस को लेकर ममता दीदी का स्टैंड लाउड एंड क्लीयर है।

राहुल गांधी का फोन आते ही CM नीतीश एक्टिव हुए, सुबह सुबह तेजस्वी यादव को बुलाया, पढ़े पूरी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को मुलाकात की है. दोनों के बीच हुई यह मुलाकात कांग्रेस नेता राहुल गांधी के फोन आने के बाद हुआ है. राहुल गांधी ने नीतीश कुमार को फोन किया था, इसके कुछ घंटों बाद ही नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को बुलाकर उनसे मुलाकात की है. सूत्रों के अनुसार दोनों के बीच हुई मुलाकात करीब आधे घंटे तक चली. इसमें बिहार मंत्रिमंडल विस्तार सहित सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा होने की खबर है.

दरअसल, बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार का मामला लंबे अरसे से अटका हुआ है. अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन की सरकार बनाई थी. उसके बाद से ही कांग्रेस लगातार मंत्रिमंडल विस्तार की मांग कर रही है. कांग्रेस कोटे से सरकार में मंत्रियों की संख्या बढ़ाए जाने को लेकर कई बार मांग की गई है. यहां तक की खुद राहुल गांधी ने भी कुछ महीने पूर्व लालू यादव और नीतीश कुमार से इस मुद्दे पर बात की थी. बावजूद इसके मंत्रिमंडल विस्तार अब तक अटका हुआ है. माना जा रहा है कि बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कांग्रेस जल्द से जल्द इस मुद्दे को हल करना चाहती है. इसीलिए राहुल गांधी ने संभवतः नीतीश कुमार से इस मुद्दे पर बात की है. उनके फोन आने के बाद अब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की मुलाकात हुई.

इतना ही नहीं राजद की ओर से भी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भीतर खाने चर्चा है. दरअसल राजद कोटे से मंत्री बने भूमिहार जाति से आने वाले कार्तिक सिंह उर्फ मास्टर और राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे जो राजपूत बिरादरी से आते हैं, सुधाकर सिंह इन दोनों को मंत्री पद अलग-अलग वजहों से छोड़ना पड़ा था. तब से ही यह चर्चा जोरों पर है कि राजद इन दोनों जातियों के नेताओं को मंत्रिमंडल में उचित प्रतिनिधित्व कब देगी? ऐसे में लोकसभा चुनाव के पूर्व मंत्रिमंडल विस्तार कर तमाम तरीके की खींचतांच पर विलंब लगाते हुए अब मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है. नीतीश और तेजस्वी की हुई आज की मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर तिथि घोषित की जाएगी.

CM नीतीश के नाराजगी के बीच विदेश जाएंगे तेजस्वी यादव, कोर्ट में ऑस्ट्रेलिया जाने की मांगी अनुमति

बिहार में सरकार चला रहे नीतीश और लालू-तेजस्वी के बीच विवाद के बीच बड़ी खबर सामने आ रही है। बिहार के उपमुख्यमंत्री ने इस नराजगी के बीच कोर्ट से विदेश जाने की अनुमति मांगी है। रेलवे में कथित लैंड फॉर जॉब घोटाले में दिल्ली की राउज एवेन्य कोर्ट आज सुनवाई  हुई । इस सुनवाई के दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के तरफ से कोर्ट से ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की अनुमति मांगी गई है। जिसपर कोर्ट  22 दिसंबर को सुनवाई करेगी।

वहीं , रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले में दिल्ली की अदालत आरजेडी सुप्रीमों लालू यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ आज राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में लालू परिवार समेत 17 आरोपी हैं। इस मामले में सीबीआई ने लालू परिवार के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी। तेजस्वी पर आरोप है कि लालू यादव जब रेल मंत्री थे तो उनके नाम पर नौकरी के बदले कुछ संपत्तियां लिखवाई गई थी। अब लैंड फॉर जॉब मामले में अब अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी।

इसके तेजस्वी यादव के वकील ने कोर्ट में बुधवार को एक नई अर्जी डाली। उन्होंने अदालत से तेजस्वी का पासपोर्ट रिलीज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगले महीने तेजस्वी यादव ऑस्ट्रेलिया जाना चाहते हैं, इसकी अनुमति दी जाए। कोर्ट इस अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। इससे पहले अक्टूबर महीने में भी तेजस्वी ने सीबीआई कोर्ट में पासपोर्ट रिलीज करने की अर्जी दाखिल की थी। कोर्ट ने उनकी अर्जी को स्वीकार करते हुए उन्हें विदेश दौरे की अनुमति दी थी। इसके बाद तेजस्वी यादव एक हफ्ते के लिए जापान दौरे पर गए थे। यह पूरी तरह सरकारी कार्यक्रम था।

मालूम हो कि, सीबीआई का आरोप है कि लालू यादव 2004 से 2009 के बीच जब रेल मंत्री थे तो नौकरी देने के नाम पर घोटाला हुआ। आरोप है कि रेलवे में नौकरी लगवाने के बदले आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए। सीबीआई ने जांच के बाद लालू यादव, उनकी बेटी मीसा भारती, बेटे तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी के खिलाफ केस दर्ज किया। आरोप है कि लालू यादव ने रेलवे में नौकरी के नाम पर आवदकों से अपने परिजनों के नाम पर जमीनें लीं। इस मामले में कुछ 17 लोगों को आरोपी बनाया गया है। लालू यादव परिवार के साथ कई बार कोर्ट में पेश हो चुके हैं। अभी फिलहाल लालू यादव का परिवार जमानत पर है।

आपको बताते चलें कि, लैंड फॉर जॉब मामला उस वक्त का है जब यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप लगे है कि उन्होने जमीन के बदले में फर्जी तरीके से नौकरी दी। जिसकी जांच सीबीआई कर रही है।  जांच की शुरुआत 18 मई 2022 को हुई थी। जब सीबीआई ने 16 नामजद समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

क्या महागठबंधन में सब ठीक नहीं? CM नीतीश की जेडीयू ने 29 दिसंबर को बड़ी बैठक बुलायी

बिहार में सरकार चला रहे नीतीश और लालू-तेजस्वी के बीच विवाद के बीच बड़ी खबर सामने आ रही है. नीतीश कुमार ने 29 दिसंबर को दिल्ली में पार्टी की बड़ी बैठक बुला ली है. वैसे जेडीयू ने पहले से ही 29 दिसंबर को राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलायी थी, लेकिन अब दूसरा फैसला लिया गया है. पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों के साथ साथ छोटे-बड़े 200 से ज्यादा नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है. चर्चा ये है कि उस दिन कोई बडा फैसला होने जा रहा है.

जेडीयू की बदली रणऩीति

जेडीयू सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी ने 29 दिसंबर को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ-साथ राष्ट्रीय पर्षद की भी बैठक बुला ली है. मंगलवार को I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक के बाद ये फैसला लिया गया. बता दें कि जेडीयू के पार्टी संविधान के मुताबिक किसी भी बडे फैसले को राष्ट्रीय पर्षद से मुहर लगवायी जाती है. जेडीयू के एक नेता ने बताया कि 29 दिसंबर को दिल्ली में पहले राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक होगी और उसके बाद राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलायी गयी है. इसका मतलब ये है कि राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में पहले कोई बड़ा फैसला लिया जायेगा और उस पर राष्ट्रीय पर्षद की बैठक में मुहर लगवायी जायेगी.

ये सारा घटनाक्रम मंगलवार को दिल्ली में I.N.D.I.A की बैठक होने के बाद हो रहा है. I.N.D.I.A  की बैठक के बाद नीतीश कुमार ने दिल्ली में ही अपने किचन कैबिनेट के लोगों के साथ बैठक की. ललन सिंह से लेकर संजय झा वहां मौजूद थे. उन सबों से बातचीत के बाद 29 दिसंबर को पार्टी के तमाम छोटे-बड़े नेताओं को दिल्ली बुला कर राष्ट्रीय पर्षद की बैठक करने का फैसला लिया गया. राष्ट्रीय पर्षद की बैठक में सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्य, प्रदेश के पदाधिकारी,  दोनों सदनों के सांसद, विधायक, विधानपार्षद, जिलाध्यक्ष और प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य शामिल होंगे.

RJD से विवाद के बाद क्या नीतीश लेंगे बड़ा फैसला

अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या नीतीश कुमार अब बड़ा फैसला लेने जा रहे हैं. चर्चा इसलिए भी ज्यादा गर्म है क्योंकि लालू-तेजस्वी से नीतीश कुमार का विवाद अब खुल कर सामने आ गया है. मंगलवार को दिल्ली में I.N.D.I.A की बैठक के दौरान नीतीश कुमार की लालू-तेजस्वी से सही से दुआ-सलाम तक नहीं हुई. नीतीश कुमार की सीट लालू प्रसाद यादव के बगल में थी. लेकिन पूरी बैठक में नीतीश कुमार ने लालू यादव से कोई बात नहीं की. लालू-तेजस्वी नीतीश कुमार से अलग बैठक में पहुंचे औऱ वैसे ही वहां से रवाना हुए. नीतीश कुमार भी अपने कुनबे के साथ अलग बैठक में पहुंचे थे. नीतीश और लालू-तेजस्वी में से कोई बैठक के बाद हुए प्रेस कांफ्रेंस में शामिल नहीं हुआ.

सूत्रों के मुताबिक I.N.D.I.A की बैठक में ममता बनर्जी औऱ अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने का प्रस्ताव दिया था. नीतीश और उनकी टोली को इससे बड़ा झटका लगा. बैठक में नीतीश को संयोजक जैसा कोई पद देने पर भी कोई चर्चा नहीं हुई. I.N.D.I.A की बैठक में मौजूद एक नेता ने फर्स्ट बिहार को बताया कि नीतीश पूरी बैठक के दौरान अलग थलग ही नजर आये. पूरी बैठक में वे शायद ही एक-दो लाइन बोले.

10 दिनों से नीतीश का तेजस्वी ने कर रखा है बहिष्कार

उधर, बिहार में अलग खेल हो रहा है. तेजस्वी यादव ने पिछले 10 दिनों से नीतीश कुमार के सारे कार्यक्रमों का बहिष्कार कर रखा है. तेजस्वी वैसे किसी कार्यक्रम में नहीं शामिल हो रहे हैं, जिसमें नीतीश कुमार जा रहे हैं.  क्रमवार समझिये कि बिहार में कौन सा खेल चल रहा है. 12 दिसंबर को पूर्वी चंपारण के केसरिया बौद्ध स्तूप में पर्यटन विभाग का कार्यक्रम था. सरकार ने अखबारों में विज्ञापन छपवाया कि इस कार्यक्रम में नीतीश और तेजस्वी दोनों मौजूद रहेंगे. कार्यक्रम भी पर्यटन विभाग का था, जिसके मंत्री खुद तेजस्वी यादव हैं. लेकिन तेजस्वी यादव अपने ही विभाग के इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए.
13 को फिर से वही नजारा

13 दिसंबर को सीतामढ़ी में पुनौरा धाम मंदिर में विकास कार्यक्रमों का शिलान्यास होना था. ये कार्यक्रम भी पर्यटन विभाग का था, जिसके मंत्री तेजस्वी यादव हैं. सरकार ने फिर से विज्ञापन छपवाया कि इस कार्यक्रम में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों मौजूद रहेंगे. लेकिन तेजस्वी कार्यक्रम में नहीं गये. उसी दिन पूर्व मंत्री स्व. रघुनाथ झा और शिवहर सर्किट हाउस के उद्घाटन का भी कार्यक्रम था. कार्यक्रम स्थल पर लगे बैनर में नीतीश के साथ तेजस्वी का नाम भी छपा था लेकिन बिहार के डिप्टी सीएम उस कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए.

डिप्टी सीएम ने इन्वेस्टर्स मीट का बहिष्कार किया

सबसे बड़ा खेल 13 और 14 दिसंबर को पटना में हुए इन्वेस्टर्स मीट में हुआ. बिहार सरकार ने इस कार्यक्रम को लेकर बड़ी बड़ी बातें की थी. सरकार द्वारा तय कार्यक्रम के मुताबिक 13 दिसंबर को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को देश-विदेश से जुटे उद्योगपतियों के साथ बातचीत का एक सेशन करना था. लेकिन तेजस्वी यादव वहां पहुंचे ही नहीं. 14 दिसंबर को फिर अखबारों में विज्ञापन छपा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उद्योगपतियों को संबोधित करेंगे और तेजस्वी यादव भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. लेकिन तेजस्वी यादव ने 14 दिसंबर को भी इनवेस्टर्स मीट का बहिष्कार कर दिया.

15 को नीतीश को आइना दिखाया

बता दें कि 13-14 को पटना के ज्ञान भवन में हुआ इन्वेस्टर्स मीट उद्योग विभाग का कार्यक्रम था. उद्योग विभाग राजद के कोटे में है. लेकिन तेजस्वी अपने ही कोटे के विभाग के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. 15 दिसंबर को उन्होंने अलग मैसेज दे दिया. देश-विदेश के उद्योगपतियों की जुटान का बहिष्कार करने वाले तेजस्वी यादव 15 दिसंबर को एक आईटी कंपनी के छोटे से ऑफिस का उद्घाटन करने पहुंच गये. तेजस्वी यादव ने बिना कहे ही ये संदेश दे दिया कि उन्हें सिर्फ नीतीश कुमार के कार्यक्रम से परहेज है.

ऐसा ही खेल 16 दिसंबर को देखने को मिला. 16 दिसंबर को नीतीश कुमार पटना के पीएमसीएच का निरीक्षण करने पहुंचे. पीएमसीएच के नये भवन का निर्माण हो रहा है, नीतीश कुमार पहले से कार्यक्रम तय करके वहां गये थे. ये स्वास्थ्य विभाग का कार्यक्रम था, जिसके मंत्री तेजस्वी यादव हैं. लेकिन इस कार्यक्रम में तेजस्वी यादव ही नहीं पहुंचे. उसी दिन नीतीश कुमार ने अशोक राजपथ में बन रहे डबल डेकर पुल का निरीक्षण किया. ये पथ निर्माण विभाग का काम है. इस विभाग के मंत्री तेजस्वी यादव हैं. तेजस्वी इसमें भी गैरहाजिर रहे.

18 दिसंबर को नीतीश कुमार ने जनता दरबार लगाया. इस जनता दरबार में जिन विभागों की समस्याओं को सुना जाना था, उसमें पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य और पर्यटन विभाग शामिल था. इन तीनों विभागों के मंत्री तेजस्वी यादव हैं. तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री के जनता दरबार में शामिल होने के बजाय दिल्ली रवाना हो गये.

29 दिसंबर को खेला होगा?

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या बिहार के महागठबंधन में अब बड़ा खेल होने जा रहा है. आसार इसके ही नजर आ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक लालू और तेजस्वी अब नीतीश कुमार पर दबाव बना रहे हैं. दबाव मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने से लेकर अगले लोकसभा चुनाव में जेडीयू को 7-8 सीटों पर सिमटा देने का है. लेकिन नीतीश अड़ गये हैं.  अब नीतीश कुमार ने 29 दिसंबर को पार्टी की बड़ी बैठक बुला ली है. अब आगे क्या होगा ये देखना दिलचस्प होगा.

2024 लोकसभा चुनाव को लेकर लालू यादव ने किया बड़ा दावा, जानें PM मोदी को लेकर क्या कहा

दिल्ली में मंगलवार को I.N.D.I.A. गठबंधन की बैठक होने वाली है। उससे पहले आरजेडी प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद का बयान सामने आया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि वह 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा केंद्र में सरकार नहीं बनाने देंगे। आरजेडी प्रमुख ने अपने छोटे बेटे और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना होने से पहले पटना एयरपोर्ट पर संवाददाताओं से कहा कि हम इंडिया ब्लॉक की बैठक के लिए जा रहे हैं और हम किसी भी कीमत पर नरेंद्र मोदी को केंद्र में सरकार बनाने की इजाजत नहीं देंगे।

2024 चुनाव को लेकर लालू का दावा

जब उनसे पूछा गया कि प्रधानमंत्री मोदी 2024 में फिर से सत्ता में आने की गारंटी दे रहे हैं, तो लालू प्रसाद ने पूछा, “नरेंद्र मोदी कौन हैं?” उन्होंने कहा, “हम दिल्ली में बैठक के लिए जा रहे हैं और वोटों के बंटवारे को रोकने के लिए हम एक सीट, एक उम्मीदवार के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने दावा किया कि इस बार हम केंद्र में सरकार बनाएंगे।

बैठक के लिए नीतीश भी होंगे रवाना

I.N.D.I.A. गठबंधन की बैठक में शामिल होने के लिए आज 4 बजे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पटना एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना होंगे। बता दें कि अभी तक बैठक का एजेंडा आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया है, लेकिन सीटों का बंटवारा मुख्य मुद्दा माना जा रहा है। I.N.D.I.A. गठबंधन की यह चौथी बैठक होगी। इससे पहले पटना, बंगलुरू और मुंबई में ये बैठकें हो चुकी हैं।