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बिहार में सरकार चला रहे नीतीश और लालू-तेजस्वी के बीच विवाद के बीच बड़ी खबर सामने आ रही है। बिहार के उपमुख्यमंत्री ने इस नराजगी के बीच कोर्ट से विदेश जाने की अनुमति मांगी है। रेलवे में कथित लैंड फॉर जॉब घोटाले में दिल्ली की राउज एवेन्य कोर्ट आज सुनवाई  हुई । इस सुनवाई के दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के तरफ से कोर्ट से ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की अनुमति मांगी गई है। जिसपर कोर्ट  22 दिसंबर को सुनवाई करेगी।

वहीं , रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले में दिल्ली की अदालत आरजेडी सुप्रीमों लालू यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ आज राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में लालू परिवार समेत 17 आरोपी हैं। इस मामले में सीबीआई ने लालू परिवार के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी। तेजस्वी पर आरोप है कि लालू यादव जब रेल मंत्री थे तो उनके नाम पर नौकरी के बदले कुछ संपत्तियां लिखवाई गई थी। अब लैंड फॉर जॉब मामले में अब अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी।

इसके तेजस्वी यादव के वकील ने कोर्ट में बुधवार को एक नई अर्जी डाली। उन्होंने अदालत से तेजस्वी का पासपोर्ट रिलीज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगले महीने तेजस्वी यादव ऑस्ट्रेलिया जाना चाहते हैं, इसकी अनुमति दी जाए। कोर्ट इस अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। इससे पहले अक्टूबर महीने में भी तेजस्वी ने सीबीआई कोर्ट में पासपोर्ट रिलीज करने की अर्जी दाखिल की थी। कोर्ट ने उनकी अर्जी को स्वीकार करते हुए उन्हें विदेश दौरे की अनुमति दी थी। इसके बाद तेजस्वी यादव एक हफ्ते के लिए जापान दौरे पर गए थे। यह पूरी तरह सरकारी कार्यक्रम था।

मालूम हो कि, सीबीआई का आरोप है कि लालू यादव 2004 से 2009 के बीच जब रेल मंत्री थे तो नौकरी देने के नाम पर घोटाला हुआ। आरोप है कि रेलवे में नौकरी लगवाने के बदले आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए। सीबीआई ने जांच के बाद लालू यादव, उनकी बेटी मीसा भारती, बेटे तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी के खिलाफ केस दर्ज किया। आरोप है कि लालू यादव ने रेलवे में नौकरी के नाम पर आवदकों से अपने परिजनों के नाम पर जमीनें लीं। इस मामले में कुछ 17 लोगों को आरोपी बनाया गया है। लालू यादव परिवार के साथ कई बार कोर्ट में पेश हो चुके हैं। अभी फिलहाल लालू यादव का परिवार जमानत पर है।

आपको बताते चलें कि, लैंड फॉर जॉब मामला उस वक्त का है जब यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप लगे है कि उन्होने जमीन के बदले में फर्जी तरीके से नौकरी दी। जिसकी जांच सीबीआई कर रही है।  जांच की शुरुआत 18 मई 2022 को हुई थी। जब सीबीआई ने 16 नामजद समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।


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