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‘अहंकार किस बात का है.. दम है तो वाराणसी में बीजेपी को हराकर दिखाओ’ कांग्रेस को ममता की बड़ी चुनौती

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर चल रहा घमासान थमता नहीं दिख रहा है। सीट बंटवारे को लेकर तनातनी के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस को बड़ी चुनौती दे दी है। ममता ने कहा है कि मुझे समझ नहीं आता कि कांग्रेस पार्टी को इतना अहंकार किस बात का है। कांग्रेस में अगर दम है तो वह वाराणसी में बीजेपी को हराकर दिखाए।

ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता किकांग्रेस 300 में से 40 सीट भी जीत पाएगीया नहीं। कांग्रेस पहले जहां जीतती थी, अब वहां भी हार रही है। अगर कांग्रेस में हिम्मत है तो वह बनारस में बीजेपी को हराकर दिखाए। कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा बंगाल आई थी लेकिन मुझे बताया तक नहीं। हम INDIA गठबंधन में हैं लेकिन उसके बावजूद इसकी जानकारी नहीं दी गई।

उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम यूपा में चुनाव नहीं जीते और आप राजस्थान में भी चुनाव नहीं जीते। हिम्मत है इलाहाबाद में जाकर जीतकर दिखाओ, वाराणसी में जीतकर दिखाओ। हम भी देखें कि आपमें कितनी हिम्मत है। वहीं भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान पश्चिम बंगाल में राहुल गांधी द्वारा बीड़ी मजदूरों से मुलाकात पर ममता ने तंज किया और कहा कि आजकल फोटोशूट का नया चलन देखने में मिल रहा है। जो लोग कभी चाय के स्टॉल पर नहीं गए, वे बीड़ी कामगारों के साथ फोटो खिंचवा रहे हैं।

इंडिया गठबंधन को झटका, ममता बोलीं- प. बंगाल में टीएमसी अकेले लड़ेगी लोकसभा चुनाव

टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा कि मेरी कांग्रेस पार्टी के साथ कोई चर्चा नहीं हुई है, मैंने हमेशा से कहा है कि प. बंगाल में हम अकेले चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि देश के दूसरे हिस्से में कैसी राजनीतिक परिस्थिति होगी, वह उसके बारे में बहुत अधिक नहीं सोच रहीं हैं, लेकिन प.बंगाल में उनकी पार्टी धर्निरपेक्षता का पालन करती है और वह अकेले ही भाजपा को चुनाव में हराने की काबिलियत भी रखती है।

हालांकि, ममता ने यह जरूर कहा कि वह इंडिया गठबंधन की हिस्सेदार हैं. पर, ममता ने यह भी कह दिया कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा बंगाल से गुजर रही है, लेकिन उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई।

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस पार्टी और लेफ्ट गठबंधन, दोनों बड़ी ताकत हैं. पिछले चुनाव में लेफ्ट और कांग्रेस ने गठबंधन भी किया था. लेकिन उन्हें टीएमसी के मुकाबले बढ़त नहीं मिल सकी. साथ ही अब राज्य में प्रमुख विपक्षी दल की हैसियत भाजपा की है, न कि लेफ्ट या फिर कांग्रेस की, जबकि इंडिया गठबंधन में टीएमसी, लेफ्ट और कांग्रेस तीनों भागीदार हैं।

आम आदमी पार्टी के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि प.बंगाल में तीनों ही बड़ी पार्टियां हैं, लिहाजा सीट गठबंधन को लेकर समस्याएं आएंगी, हालांकि, राहुल गांधी और ममता बनर्जी दोनों ही बड़े नेता हैं और वे इंडिया गठबंधन के प्रति समर्पित हैं, लिहाजा इस तरह की समस्याओं को आने वाले समय में सुलझा लिया जाएगा।

42 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में TMC, क्या है ममता बनर्जी की रणनीति?

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल में 42 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। बनर्जी ने शुक्रवार को कालीघाट स्थित अपने आवास पर मुर्शिदाबाद जिले की सांगठनिक बैठक में यह संकेत दिया।

बंगाल में कांग्रेस और टीएमसी में सब कुछ ठीक नहीं

सूत्रों के मुताबिक बैठक में ममता ने कहा कि तृणमूल आईएनडीआईए गठबंधन के सबसे बड़े सहयोगियों में से एक है। अगर कांग्रेस बंगाल में किसी और को तवज्जो देती है तो तृणमूल भी अपने जैसा ही सोचेगी।

क्या बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेगी टीएमसी?

टीएमसी सुप्रीमो ने पार्टी नेताओं से कहा कि इस बार राज्य की 42 लोकसभा सीटों पर लड़ने की तैयारी करनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद की सभी तीन सीटों पर लड़ने के लिए तैयार हो जाइए। जिले में कांग्रेस नेता अधीर चौधरी के बारे ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। वे कोई कारक नहीं हैं।

अधीर रंजन ने ममता को दी थी चुनाौती

हाल में अधीर ने सीधे तौर पर ममता को चुनौती देते हुए कहा था कि अगर ताकत है तो बहरमपुर में आकर खड़े हो जाइए, हराकर कोलकाता भेज दूंगा।

टीएमसी ने कांग्रेस पर किया पलटवार

तृणमूल ने पलटवार करते हुए कहा था कि दक्षिण कोलकाता में सालों से ममता बनर्जी जीतती आ रही हैं। क्या अधीर बहरमपुर छोड़कर कोलकाता में उम्मीदवार बनेंगे? बैठक में तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी मौजूद थे।

बैठक में ममता ने विशेषकर भरतपुर के तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर को चेतावनी दी कि वे सार्वजनिक रूप से पार्टी विरोधी बयान न दें। पार्टी के खिलाफ बयानबाजी किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

टीएमसी नेता के घर रेड करने गई टीम पर 200 लोगों ने किया हमला

राशन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम पश्चिम बंगाल में लगातार छापेमारी कर रही है. इस दौरान ही शुक्रवार को ED की टीम छापेमारी करने उत्तर 24 परगना पहुंची. लेकिन ईडी की टीम को यहां ग्रामीणों की भीड़ ने घेर लिया और 200 लोगों ने उन पर हमला कर दिया. भीड़ ने ईडी अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की है.हालांकि, इस हमले के बाद टीएमसी नेता एसके शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया गया है।

ईडी की टीम पर हमले का यह मामला उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली गांव का है. जांच एजेंसी की टीम यहां राशन घोटाले के केस में टीएमसी नेता एसके शाहजहां शेख के घर छापेमारी करने पहुंची थी।

ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं होगी शामिल

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अयोध्या में 22 जनवरी को आयोजित होनेवाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगी। सूत्रों से यह जानकारी मिली है। जानकारी के मुताबिक ममता खुद भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाएंगी और न ही पार्टी के किसी प्रतिनिधि को भेजेंगी।

सीताराम येचुरी भी कर चुके हैं इनकार

श्री राम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट की ओर से तमाम राजनीतिक दलों को न्योता भेजा गया है। इसमें ममता बनर्जी भी शामिल हैं। इससे पहले सीताराम येचुरी कह चुके हैं कि उन्हें न्योता मिला है लेकिन वे इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे। येचुरी ने कार्यक्रम के निमंत्रण को अस्वीकार करते हुए कहा कि धर्म व्यक्तिगत पसंद का मामला है और इसे राजनीतिक फायदे के लिए औजार नहीं बनाया जाना चाहिए। येचुरी के इस विरोध पर विश्व हिंदू परिषद ने आपत्ति जताई थी। विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि अगर वह ‘राम, रामत्व और भारत की ओर लौट जाते हैं’ तो यह उनके हित में होगा।

‘देश राम और रामत्व की ओर लौट रहा है, कब तक विरोध करेंगे’

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘खबर है कि सीताराम नाम वाले सज्जन अयोध्या नहीं जाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक विरोध समझ में आता है, लेकिन अगर किसी को उनके नाम से ही इतनी घृणा है तो वह केवल कम्युनिस्ट हो सकते हैं।’’ बंसल ने वीडियो जारी कर एक बयान में कहा कि येचुरी की पार्टी की प्रतिबद्धता अलग हो सकती है, लेकिन यह साफ नहीं है कि माकपा महासचिव का विरोध भगवान राम से है या अपने ही नाम से है। उन्होंने कहा, ‘‘इस पर सफाई आनी चाहिए।’’ विहिप नेता ने कहा, ‘‘देश राम और रामत्व की ओर लौट रहा है और आप कब तक इनका विरोध करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि येचुरी को ‘‘वापसी करनी चाहिए और राम, रामत्व तथा इस भारत को अपना लेना चाहिए’’। बंसल ने कहा, ‘‘अब यह आपके हित में है। अन्यथा, लोग जानते हैं कि किस तरह जवाब देना है।’’

अयोध्या के कायाकल्प की प्रक्रिया जारी

उधर, अयोध्या में 22 जनवरी को प्रस्तावित श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले पूरे क्षेत्र के कायाकल्प की प्रक्रिया जारी है। बयान में कहा गया है कि पहले 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित अयोध्या दौरे से पूर्व श्री राम जन्‍मभूमि मंदिर को जोड़ने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर रामायण काल के प्रमुख प्रसंगों का मनमोहक चित्रण कराने की दिशा में योगी सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में तेजी लाई जा रही है। अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ओर जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों की दीवारों को टेराकोटा फाइन क्ले म्यूरल कलाकृतियों से सजाने की प्रक्रिया जारी है। अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा श्री राम जन्मभूमि मंदिर की ओर जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों की दीवारों को कंकड़-पत्थर से बनी कलाकृतियों से सजाने का कार्य भी शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पूर्व इस कार्य को पूर्ण कर लिया जाएगा।हालांकि इससे पहले 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या को करोड़ों रुपये की परियोजनाओं का उपहार देंगे। मोदी के आगमन को लेकर अयोध्या व आसपास के जनपदों में भी गजब का उल्लास है और उनके स्वागत को लेकर मठ-मंदिरों ने भी खास तैयारी कर रखी है।

लोकसभा 2024 में क्या बंगाल में ममता बनर्जी को बीजेपी दे पाएगी चुनौती? सर्वे में लोगों ने किया बड़ा खुलासा

बीजेपी के साथ-साथ देश की विपक्षी पार्टियां भी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी जोरों शोरों से कर रही है. आगामी लोकसभा चुनाव में बंगाल में बीजेपी कितना जादू चल पाएगा, यह बड़ा सवाल है. पीएम नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी वोटरों को अपने पक्ष में करने की राजनीति शुरू कर चुके हैं. इस बीच सी वोटर ने सर्वे कर लोगों से पूछा कि बंगाल में ममता बनर्जी को बीजेपी चुनौती दे पाएगी?

इस सवाल के जवाब में 54 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया यानि कि लोकसभा चुनाव 2024 में बंगाल में ममता बनर्जी को चुनौती दे पाएगी. 36 फीसदी लोगों का कहना है कि बीजेपी चुनौती नहीं दे पाएगी. 10 फीसदी लोगों कहा कि उन्हें पता नहीं.

बंगाल में ममता बनर्जी को बीजेपी चुनौती दे पाएगी?

  • हां- 54 फीसदी
  • नहीं- 36 फीसदी
  • पता नहीं- 10 फीसदी

2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने लगाया था सेंध

2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बंगाल में ममता बनर्जी के किले में सेंध लगा दी थी. इस चुनाव में बीजेपी ने वहां लगभग 39 फीसदी वोट पाया था. साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने बंगाल में 34 रैलियां की थी, जिसके दम पर राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से बीजेपी को 18 सीट पर जीत मिली. उस चुनाव में टीएमसी ने 22 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन बीजेपी ने टीएमसी के गढ़ में कई सीटों पर जीत दर्ज की थी.

बंगाल में मोदी सुनामी का इंतजार- बीजेपी नेता

साल 2021 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने बंगाल में फिर से सत्ता में लौटी, लेकिन ममता बनर्जी को बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी से हार का सामना करना पड़ा. पिछले दिनों बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी तीन दिन राज्यों में बीजेपी के सरकार बनने का जिक्र करते हुए कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में मोदी सुनामी का इंतजार है.

शादी से लौट रहे TMC नेता के दामाद को बदमाशों ने मारी गोली, बीजेपी पर लगाया आरोप

पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर में स्थानीय टीएमसी नेता के दामाद की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी, जिसके बाद इलाके में तनाव फैल गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मृतक 30 वर्षीय तन्मय सरकार को बदमाशों ने मंगलवार को उस वक्त रोका, जब वह अपनी बाइक से एक शादी से लौट रहे थे और फिर करीब से गोली मार दी। गोली मारने के बाद आरोपियों ने मौके से भागने से पहले तन्मय सरकार पर धारदार हथियार से हमला भी किया।

हत्या का आरोप बीजेपी पर लगाया गया

तन्मय सरकार को पहले स्थानीय इटाहार अस्पताल ले जाया गया और उनकी हालत गंभीर होने पर उन्हें रायगंज मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, बुधवार की सुबह उनकी मौत हो गई। मृतक के ससुर देबकुमार सरकार स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता और पंचायत सदस्य हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके दामाद की हत्या की साजिश बीजेपी समर्थित कुछ स्थानीय गुंडों ने रची है।

हत्यारोंं की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई की मांग

देबकुमार सरकार ने कहा कि इस साल पंचायत चुनाव के दौरान उन्हें निशाना बनाया गया। पुलिस को हत्यारों को गिरफ्तार करने के लिए तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए। हालांकि, स्थानीय बीजेपी नेतृत्व ने इस आरोप से इनकार किया है और दावा किया है कि यह हत्या सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में अंदरूनी कलह का नतीजा है।

TMC सांसद महुआ मोइत्रा की बढ़ेंगी मुश्किलें! कल कमेटी सदन में पेश कर सकती है रिपोर्ट

पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप झेल रहीं तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ सकती हैं। संसद का शीतकालीन सत्र जारी और सूत्रों की मानें तो एथिक्स कमेटी महुआ के खिलाफ जांच रिपोर्ट को लोकसभी में पेश कर सकती है। बीते कई दिनों से कयास लगाए जा रहे हैं कि एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता भी जा सकती है।

क्या बोलीं महुआ मोइत्रा?

सोमवार को शीतकालीन सत्र के शुरू होने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि किसी भी वक्त महुआ के खिलाफ एथिक्स कमेटी लोकसभा में रिपोर्ट पेश कर सकती है। हालांकि, सोमवार को संसद में विपक्ष ने हंगामा किया था, जिसकी वजह से लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया था। हालांकि, अब कहा जा रहा है कि शुक्रवार को ये रिपोर्ट पेश हो सकती है। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का कहना है, ‘मुझे नहीं पता कि वे इसे रखेंगे या नहीं।’

सीबीआई ने भी शुरू की जांच

दूसरी ओर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों की जांच शुरू कर दी है। सीबीआई सूत्रों ने कहा है कि हमने लोकपाल के आदेश पर जांच शुरू की है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी जानकारी दी थी कि लोकपाल ने 8 नवंबर को, “राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के लिए आरोपी महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया गया है।”

रिश्वत लेने का आरोप

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी शिकायत में मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। दुबे ने कहा कि आरोप सुप्रीम कोर्ट के एक वकील के पत्र पर आधारित थे जो उन्हें मिला था, जिसमें मोइत्रा और व्यवसायी के बीच “रिश्वत के लेन-देन के कई सबूत मौजूद हैं।

क्या TMC सांसद महुआ मोइत्रा की सदस्यता होने वाली है रद्द? समर्थन में उतरे अधीर रंजन चौधरी

महंगे गिफ्ट लेकर सवाल पूछने के मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की सदस्यता को रद्द करने की सिफारिश करने वाली लोकसभा आचार सिमित की रिपोर्ट 4 दिसंबर को निचने सदन में पेश की जाएगी। इस मामले पर अब महुआ मोइत्रा के बचाव में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी उतरे हैं। उन्होंने समिति की कार्यवाही की समीक्षा की मांग की है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले की बहरामपुर सीट से सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस बाबत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। ओम बिरला को पत्र लिखकर उन्होंने कार्यवाही पर समीक्षा की मांग की है।

महुआ के समर्थन में उतरे अधीर रंजन चौधरी

अधीर रंजन चौधरी ने इस बाबत कहा कि संसद से निष्कासित करने की कार्रवाई एक बड़ी सजा है। महुआ मोइत्रा के खिलाफ एक्शन लेने के मामले में क्या स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर का पालन हुआ है? क्या रुपये के लेन-देन के बारे में मनी ट्रेल को स्थापित किया जा सका है? बता दें कि समिति की रिपोर्ट को आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर सदन के पटल पर रखेंगे। समिति ने 9 नवंबर को 6 और 4 के बहुमत से पैसे लेकर प्रश्न पूछे जाने के मामले में महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश करते हुए रिपोर्ट को स्वीकार किया था।

महुआ पर क्या है आरोप?

बता दें कि अगर इसे अमल किया जाता है तो महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खतरे में पड़ सकती है। बता दें कि महुआ के खिलाफ कार्रवाई को लेकर विपक्षी दल के 4 सांसदों ने असहमति में वोट दिया। हालांकि कांग्रेस सांसद परिणीत कौर ने महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने के पक्ष में मतदान किया था। बता दें कि परिणीत भी फिलहाल कांग्रेस से निलंबित हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत ने महुआ पर संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था। इस शिकायत के आधार पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर आरोप लगाया कि महुआ कैश और महंगे गिफ्ट लेकर सवाल पूछती हैं।