बिहार के बेतिया में सरकार व प्रशासन से गुहार लगाकर थक चुके ग्रामीणों ने खुद ही अपनी सुविधा के लिए चचरी पुलका निर्माण कर लिया. क्योंकि चचरी पुल नहीं होने के कारण लोगों को लंबी दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय पहुंचना पड़ता था. जिस कारण उन्हें काफी परेशानी होती थी. यह ग्रामीण पक्के पुल के निर्माण की मांग कर रहे हैं. सरकार से मांग कर रहे हैं कि पक्के पुल का निर्माण हो जाए ताकि बाढ़ के समय हमें कोई परेशानी ना हो।

आवागमन की नहीं है सुविधा

नरकटियागंज क्षेत्र को अगर विकसित करना हो तो आवागमन व यातायात की सुविधा का विकास आवश्यक है. आवागमन नहीं होने से पूरा इलाका पिछड़ा रह जाता है. यही वजह है कि नरकटियागंज प्रखंड के रखही चंपापुर पंचायत मुख्यालय से हीं बैरिया गांव के ग्रामीण कट जाते हैं, नहीं तो पंचायत मुख्यालय के ग्रामीण भी प्रखंड मुख्यालय पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करते हैं।

चंदा कर ग्रामीणों ने बनाया चचरी पुल

व्यवस्था से गुहार लगाकर थक चुके ग्रामीणों ने आपसी चंदा इकट्ठा कर खुद हीं जन सहयोग से रखही और बैरिया गांव के बीच मनियारी नदी पर चचरी पुल का निर्माण कर लिया हैं. अब महज दस किलोमीटर की दूरी तय कर हीं ग्रामीण प्रखंड एवं अनुमंडल मुख्यालय से जुड़ जाएंगे. इस चचरी पुल के सहारे करीब एक दर्जन गांव के ग्रामीणों को आने जाने की सुविधा मिलेगी. यहीं नहीं नेपाल व बार्डर क्षेत्र के लोगों को भी दो पहिया वाहन से आने जाने में इसकी सुविधा मिलेगी।

“रखही व बैरिया के बीच मनियारी नदी पर पुल निर्माण के लिए कई बार मांग उठाई गई. हाल ही में आयोजित जन संवाद कार्यक्रम में भी अनुमंडल पदाधिकारी से पुल निर्माण कराने की मांग रखी थी. लेकिन अब तक किसी ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया.” -गुरलेज अख्तर, मुखिया प्रतिनिधि

अब महज 4 किमी की दूरी करनी पड़ेगी तय

ग्रामीण मो. इलियास अंसारी, इजहार अंसारी, अरशद अंसारी, अमर महतो, रुस्तम अंसारी, सद्दाम हुसैन, कमरान आलम, मो. मुस्तफा, सलम गिर अंसारी ने कहा कि आपसी सहयोग से यह चचरी पुल तैयार किया गया है. चचरी पुल बन जाने से अब पंचायत मुख्यालय आने जाने में महज चार किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ेगी. अनाज का उठाव करने के लिए भी यह पुल काफी सहूलियत देगा. जबकि अब से पहले मंगरहरी से पोखरिया, गोखुला एवं नहंकार के रास्ते चंपापुर और फिर बुढ़वा जाकर राशन उठाने की विवशता रहती है।

चचरी पुल बनने से दूरी हुई कम

इधर रखही के ग्रामीणों ने भी कहा कि प्रखंड एवं अनुमंडल मुख्यालय से जुड़ने से के लिए दूरी काफी कम हो गई है. चचरी पुल बनने से यह दूरी अब दस किलोमीटर रह गई है. जबकि पहले डीके शिकारपुर के रास्ते करीब 19 किलोमीटर तथा चनपटिया सेंटर के रास्ते करीब 23 किलोमीटर दूरी तय करना पड़ता है।


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