केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को आश्वासन दिया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और मीडिएटर संस्थाओं को नियंत्रित करने वाली उसकी नीति में ऐसे रूल्स और रेगुलेशन शामिल किए जाएंगे, जिससे ओटीटी प्लेटफॉर्म अश्लील भाषा और अपवित्र आचरण से मुक्त हों। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने हाईकोर्ट के पहले के निर्देशों के अनुपालन के तहत दायर एक हलफनामे में कहा कि उसने हाईकोर्ट के पिछले आदेशों में सामने आईं चिंताओं पर ध्यान दिया है।

हाईकोर्ट ने पहले कहा था कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर सब्जेक्ट-मैटर को रेगुलाइजेशन करने के लिए नियम और दिशानिर्देश तैयार करने पर फौरन ध्यान देने की जरूरत है। उसने पब्लिक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अश्लील भाषा के इस्तेमाल को गंभीरता से लेने की जरूरत पर जोर दिया था क्योंकि ये कम उम्र के बच्चों के लिए भी खुले हैं।

न्यायमूर्ति ने क्या कहा था?

न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने 17 अगस्त को जारी अपने आदेश में कहा, ‘‘यह कहा गया है कि यह एक नीतिगत फैसला है और इस अदालत की ओर से व्यक्त चिंताओं पर ध्यान देते हुए संबंधित मंत्रालय (एमईआईटीवाई) नीति निर्माण की अपनी नियमित प्रक्रिया के दौरान, सामाजिक विनियमन के लिए नियमों/विनियमों को शामिल करेगा।’’

गौरतलब है कि टीवीएफ की वेब सीरीज ‘कॉलेज रोमांस’ में इस्तेमाल की गई भाषा पर कड़ा प्रहार करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि अभद्र भाषा के रूप में अश्लीलता का इस्तेमाल महिलाओं को अपमानित करता है, इसलिए वे पीड़ित महसूस कर सकती हैं, क्योंकि अपशब्द और अश्लीलता महिलाओं को सेक्स की वस्तु होने के रूप में दिखाती हैं।

हाईकोर्ट का छह मार्च का फैसला अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) के उस आदेश को बरकरार रखते हुए आया था, जिसमें दिल्ली पुलिस को टीवीएफ, शो के निर्देशक सिमरप्रीत सिंह और अभिनेत्री अपूर्वा अरोड़ा के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कहा गया था।


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