बरेली में एक दरोगा ने दुकानदार को चरस के मुकदमे में फंसाकर जेल भेजने की धमकी देकर 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। दुकानदार की शिकायत पर एसएसपी ने आरोपी दरोगा को सस्पेंड कर दिया है। जांच सीओ बहेड़ी को दी गई है। छह नवंबर की सुबह शाही थाने का हल्का दरोगा मदनलाल सादा कपड़ों में सेवा ज्वालापुर निवासी दिव्यांग राज कुमार की किराना की दुकान पर पहुंचा। आरोप है कि दरोगा ने राजकुमार के हाथ में चरस की दो बत्ती जबरन पकड़ाकर वीडियो बनाने का प्रयास करने लगा। राजकुमार दरोगा की मंशा को भांप गया और उसने चरस की बत्ती नहीं पकड़ी। इस पर दरोगा उसे दुकान से घसीटने लगा और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर दस हजार रुपयों की मांग की।

हंगामा होने पर आसपास मौजूद तमाम लोग वहां जमा हो गए और दरोगा का विरोध करने लगा। खुद को भीड़ से घिरता देखकर दरोगा ने हल्का के सिपाहियों को सूचना दी। मौके पर पहुंचे सिपाहियों ने किसी तरह माहौल को शांत कराकर दरोगा को वहां से निकाला और अपने साथ ले गए। इसके बाद राजकुमार ने आठ नवंबर को एसएसपी सुशील घुले से मामले की शिकायत की तो उन्होंने मामले की जांच कराई। प्रारंभिक जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर मंगलवार को एसएसपी ने आरोपी दरोगा मदन लाल को सस्पेंड कर दिया। साथ ही मामले की जांच सीओ बहेड़ी डॉ. तेजवीर सिंह को सौंपी है।

एसएसपी सुशील घुले ने बताया कि रिश्वत मांगने के आरोपी दरोगा को सस्पेंड कर दिया गया है। सीओ बहेड़ी को मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। उसके बाद विभागीय कार्रवाई की जाएगी।