राज्य सरकार बच्चों की शिक्षा पर विशेष रूप से ध्यान दे रही है। राज्य की शिक्षा विभाग सरकारी स्कूल की पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए ताबड़-तोड़ फैसले के साथ ही एक्शन भी ले रही है। बिहार के अलग-अलग सरकारी स्कूलों से 20 लाख से अधिक बच्चों का नाम काट दिया गया है। इसके पीछे वजह यह है कि यह बच्चे स्कूल में 15 से अधिक दिनो से अनुपस्थित थे, जिस वजह से इनका नाम काटा गया है। शिक्षा विभाग के इस एक्शन के बाद हर तरफ हड़कंप मच गया है। जिन बच्चो के नाम काटे गए हैं उनमें 2 लाख 66 हजार 564 बच्चे 9वीं से 12वीं कक्षा के शामिल हैं।

बोर्ड की परीक्षा पर संकट

स्कूल में 15 दिनों से अधिक समय से गायब रहने वाले बच्चों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उनका नाम काट दिया गया है। इस लिस्ट में बड़ी संख्या में वे बच्चे भी शामिल हैं जो 9वीं से 12वीं की कक्षाओं में पढ़ते हैं। इसमें जो बच्चे बोर्ड की परीक्षा देने वाले हैं, उन्हें अपने परिजनों से एक हलफनामा लेकर आना होगा। हलफनामे में ऐसा लिखा होना चाहिए कि वे ऐसी गलती दोबारा नहीं दोहराएंगे।

इन बच्चों के घर जाएगा नोटिस

शिक्षा विभाग फूल एक्शन के मूड में नजर आ रही है। विभिन्न सरकारी स्कूलों से 20 लाख से अधिक बच्चो का नाम काटने के बाद अब नई कार्रवाई की जाएगी। जो बच्चे लगातार 3 दिन से स्कूल नहीं आ रहे हैं, उनकी भी एक सूची बनाई जाएगी। इस सूची में शामिल सभी बच्चों के घर पर नोटिस भेजा जाएगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलों के DM को इस संबंध में नोटिस भेजा है।


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