बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर लंबे अंतराल के बाद आखिरकार आज अपने दफ्तर पहुंचे। शिक्षा मंत्री के दफ्तर पहुंचते ही गहमागहमी बढ़ गई है। फिलहाल वे कार्यालय में विभागीय फाइल को निपटा रहे हैं और साथ ही अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे हैं। हालांकि उनके दफ्तर पहुंचने पर कई तरह की बातें होने लगी है कि क्या शिक्षा मंत्री की नाराजगी दूर हो गई है या फिर ये उनकी मजबूरी है।
आपको बता दें कि शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर तीन हफ्ते से अधिक वक्त से कार्यालय नहीं आ रहे थे, जिसे लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे थे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से विवाद के बाद से ही शिक्षा मंत्री ने दफ्तर आना बंद कर दिया था, जिसके बाद से ही शिक्षा मंत्री और अपर मुख्य सचिव की मुलाकात नहीं हो पायी है। आज भी शिक्षा मंत्री के दफ्तर पहुंचने पर अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपने कार्यालय में मौजूद हैं।
मंत्री चंद्रशेखर ने नाराज होकर जुलाई महीने की शुरुआत में केके पाठक को पीत पत्र भेजा था। शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के हवाले से उनके सरकारी आप्त सचिव कृष्णानंद यादव ने विभाग के अपर मुख्य सचिव को पीत पत्र लिखा था। पीत पत्र के जरिए शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। बिहार सरकार के नियमों के मुताबिक काम नहीं करने का आरोप लगाया था। पीत पत्र में केके पाठक पर आरोप लगाया गया था कि मंत्री से बातचीत किए बिना वे विभाग के अहम फैसले ले रहे हैं।
इस पीत पत्र का जवाब अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने पत्र के जरिए ही काफी तल्ख तेवर में दिया। इतना ही नहीं, शिक्षा विभाग में शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव की मंत्रालय में एंट्री पर भी पाबंदी लगा दी। इससे शिक्षा मंत्री नाराज हो गये और विवाद की शुरुआत हो गयी।
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