उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग ढ़हने से 41 मजदूर अंदर ही फंसे रह गए थे। ये हादसा दिवाली के पर्व वाले दिन हुआ था। सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों ने अब तक हार नहीं मानी है और सरकार की ओर से उन्हें सकुशल बाहर निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

रोबोटिक्स विशेषज्ञ भी पहुंचे

रोबोटिक्स विशेषज्ञ मिलिंद राज ने कहा कि मैं सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की मानसिक भलाई के लिए यहां हूं। यह एक घरेलू स्वदेशी तकनीक है। हमारे पास चौबीसों घंटे श्रमिकों के स्वास्थ्य की निगरानी करने की प्रणाली है। इंटरनेट सेवा भी प्रदान किया जाएगा। यह बचाव रोबोटिक प्रणाली मीथेन जैसी खतरनाक गैसों का पता लगाने में मदद करेगी।

वीके सिंह ने की पूजा

केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) ने उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग के मुहाने के पास बने मंदिर में पूजा-अर्चना की है। ऑगर मशीन की विफलता के बाद, फंसे हुए 41 श्रमिकों तक पहुंचने के लिए सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग शुरू हुई है।

पीएम के सचिव ने श्रमिकों से बातचीत की

पीएम के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने सिल्कयारा सुरंग का दौरा किया और वहां फंसे श्रमिकों से बातचीत की। उन्होंने फंसे हुए श्रमिकों के परिवारों से भी बात की। उन्होंने श्रमिकों को भेजी जा रही खाद्य सामग्री की भी रिपोर्ट ली।

ऑगर मशीन टूटने से नुकसान

शुक्रवार को दोपहर में जब 25 टन वजनी ऑगर मशीन टूटी, उस समय तक बचावकर्मी मलबे के अंदर 47 मीटर तक भेद चुके थे और श्रमिकों तक पहुंचने के लिए केवल 10—12 मीटर ड्रिल करना ही शेष रह गया था ।

86 मीटर ड्रिलिंग होगी

अधिकारियों ने रविवार को बताया था कि सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के लिए कुल 86 मीटर लंबवत ड्रिलिंग की जाएगी और इसमें चार दिन का समय लगेगा । सिंह ने बताया कि ड्रिलिंग के दौरान मलबे में फंस गए, अमेरिकी ऑगर मशीन के शेष बचे हिस्से भी सोमवार को तड़के बाहर निकाल लिए गए जिसके बाद श्रमिकों के लिए पहले से बनाए जा रहे रास्ते को पूरा करने के लिए अब ‘मैन्युल ड्रिलिंग’ शुरू की जाएगी ।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.