मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को दरभंगा पहुंचे। डीएमसीएच में नवनिर्मित सर्जिकल ब्लॉक के सभागार में 2742.04 करोड़ रुपये की लागत से दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल को पुनर्विकसित करने की योजना का उद्घाटन किया।

प्रतिवर्ष 250 नामांकन के शैक्षणिक भवन, 2100 शैय्या के अस्पताल तथा राजकीय महारानी रामेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान मोहनपुर के निर्माण का शिलान्यास एवं 194.08 करोड़ की लागत से 400 शैय्या के सर्जिकल ब्लॉक सहित विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

एम्स के निर्माण पर क्या बोले मुख्यमंत्री?

मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स के निर्माण से शहर का बहुत विस्तार हो जाएगा। केंद्र सरकार का पत्र आया है, उसके अनुरूप स्थल को विकसित किया जाएगा। स्थल को ऊंचा किया जाएगा। फोरलेन बनवा रहे हैं। इतना अच्छा हो जाएगा कि सब लोग देखते रह जाएंगे। हम लोग तेजी से काम करके केंद्र को भेज देंगे। अब केंद्र सरकार भी सहमत हो गई है।

उनके शुरू करने से पहले हम लोग विस्तार कर देंगे। आप देखिएगा कि नेपाल समेत हर जगह से यहां लोग इलाज कराने के लिए आएंगे। पहले एक एम्स अटलजी के कार्यकाल में पटना में बन गया था। बाद में 2015 में बना रहे थे। हमने कहा था कि पटना में पहला मेडिकल कॉलेज है, यहां उसके बाद यह दूसरा मेडिकल कॉलेज है। हम चाहते थे यहीं पर बने।

हम तो पहले डीएमसीएच को ही एम्स बना देना चाहते थे’

जब हम एमपी थे, बाहर घूमते थे, लोग मिलते थे, दूसरे देशों में यहां के डॉक्टर मिलते थे तो हमको बहुत खुशी होती थी। डीएमसीएच का विस्तार हो जाएगा। 2100 बेड का हो जाएगा। डीएमसीएच का स्थल ऊंचा हो जाएगा। 250 छात्र मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई पढ़ेंगे। सभी लोगों का अच्छे से इलाज होगा।

पिछली बार हम तो पहले डीएमसीएच को ही एम्स बना देना चाहते थे, केंद्र सरकार पहले भी सहमत भी हो गई थी। बाद में स्थल बदला गया। मौके पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, मंत्री संजय कुमार झा, अशोक चौधरी, ललित कुमार यादव, विधायक संजय सरावगी, विनय कुमार चौधरी, मुरारी मोहन झा समेत तमाम वरीय अधिकारी मौजूद थे।


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