जेडीयू के वरिष्ठ नेता और सूचना-जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव में इस बार बिहार में इतिहास बनेगा और NDA सभी 40 सीटों पर जीत का परचम लहराएगा. महेश्वर हजारी ने कहा कि पार्टी में कहीं भी कोई नाराजगी नहीं है और सभी पार्टी कार्यकर्ता सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में एकजुट हैं. हालांकि हजारी ने समस्तीपुर से अपने बेटे सन्नी के टिकट को लेकर बोलने से बचने की कोशिश की।

‘चुनाव के समय होता रहता है दलबदल’: रुपौली विधायक बीमा भारती की नाराजगी और आरजेडी जॉइन करने पर महेश्वर हजारी ने कहा कि “ये कोई नयी बात नहीं है. चुनाव के दौरान नेता टिकट के लिए पार्टी बदलते-रहते हैं. बीमा भारती भी आरजेडी जरूर गई हैं लेकिन उन्होंने सीएम नीतीश कुमार के कामों की जमकर तारीफ की है.”

‘पार्टी और नेतृत्व पर मिलता है वोट’: पार्टी के कई मौजूदा सांसदों के टिकट कटने के असर पर महेश्वर हजारी ने कहा कि कहीं कोई विपरीत असर नहीं होगा. कैंडिडेट को वोट पार्टी और पार्टी नेतृत्व के नाम पर ही मिलता है. इसलिए जरूरत के हिसाब से पार्टी ने कुछ नये लोगों को मौका दिया है और पार्टी के सभी कार्यकर्ता मेहनत कर कैंडिडेट को जिताएंगे।

‘इस बार बनेगा इतिहास’: महेश्वर हजारी ने कहा कि “जेडीयू के कार्यकर्ता न सिर्फ 16 सीटों पर बल्कि राज्य की सभी 40 सीटों पर NDA उम्मीदवारों के लिए जीन-जान से मेहनत कर रहे हैं. पिछली बार हमलोग एक सीट हार गये थे लेकिन इस बार NDA राज्य की सभी 40 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज कर नया इतिहास कायम करेगा.”

‘चिराग से मुलाकात सियासी नहीं’:एलजेपीआर नेता चिराग पासवान से मुलाकात को लेकर महेश्वर हजारी ने कहा कि “वो तो मेरा घर है और परिवार के सदस्यों के साथ चर्चा होती ही रहती है. पारिवारिक बातचीत होती रहती है कोई राजनीति की बात नहीं हुई.” बता दें कि महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी के एलजेपीआर के टिकट पर समस्तीपुर से चुनाव लड़ने की चर्चा है।

जेडीयू ने घोषित कर दिए सभी 16 कैंडिडेटः रविवार को जेडीयू ने अपने हिस्से की सभी 16 सीटों से उम्मीदवारों का एलान कर दिया है. पार्टी ने अपने 12 मौजूदा सांसदों को टिकट दिया है तो 4 सीटों से नये कैंडिडेट खड़े किए हैं. पार्टी ने इस बार सिवान से विजय लक्ष्मी कुशवाहा और सीतामढ़ी से देवेश चंद्र ठाकुर को मौका दिया है जबकि खाते में आई नयी सीट शिवहर से लवली आनंद को टिकट दिया है. इसके अलावा जेडीयू ने गया और काराकाट सीट सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ी है।