जैश-अल-अदल का मतलब इंसाफ की फौज यानी न्याय की सेना से है।यह एक सुन्नी सलाफी अलगाववादी संगठन है। इस आतंकी संगठन का एक मुख्य ठिकाना पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित है।
पाकिस्तान हमेशा से आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहागार रहा है. आतंकियों को पनाह देने के कारण पाकिस्तान वैश्विक मंच पर कई बार अपनी किरकिरी भी करा चुका है. पाक द्वारा पोषित आतंकवादी भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए ही मुसीबत बनते जा रहे हैं. यही वजह है कि पाक आतंक से पीड़ित देशों के सब्र का बांध अब टूटता जा रहा है. इस क्रम में अमेरिका और भारत के बाद ईरान ने पाकिस्तान की जमीन पर एयर स्ट्राइक की है. मध्य ऐशिया के मुल्क ईरान ने मंगलवार रात को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में एयर स्ट्राइक किया. ईरान ने यहां सुन्नी आतंकी संगठन जैश-अल-अदल को टिकाने पर बमबारी की. पाकिस्तान के अनुसार ईरानी हमले में उसके दो बच्चों की जान चली गई है. पाकिस्तान ने इसके लिए ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है।
क्या है आतंकी संगठन जैश-ए-अदल
जैश-अल-अदल का मतलब इंसाफ की फौज यानी न्याय की सेना से है. यह एक सुन्नी सलाफी अलगाववादी संगठन है. इस आतंकी संगठन का एक मुख्य ठिकाना पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित है. एक रिपोर्ट के अनुसार 1012 से ही पाकिस्तान इस आतंकी संगठन के लिए पनाहगाह बना हुआ है।
ईरान के पाकिस्तान में हमले की वजह
दरअसल, ईरान एक शिया बहुल देश है. यहां 90 प्रतिशत लोग शिया और 10 प्रतिशत मुस्लिम सुन्नी हैं. यही वजह है कि 95 प्रतिशत सुन्नी आबादी वाला मुस्लिम ईरानी सुन्नी मुस्लिमों के लिए सहानुभूति रखता है और सून्नी आतंकी संगठन जैश-अल-अदल का समर्थन करता है. यह आतंकी संगठन पाकिस्तान और ईरान के पहाड़ी सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय है. जैश-अल-अदल बलूचिस्तान प्रांत और ईरान के दक्षिण-पूर्ली के सिस्तान और बलूचिस्तान के स्वतंत्रता के लिए लड़ने का दावा करता है. यह संगठन 2013 से ईरानी सीमा रक्षकों के खिलाफ अटैक कर रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2023 में आतंकी संगठन ने ईरान के दक्षिण-पूर्व में सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत के रस्क शहर में एक पुलिस स्टेशन पर अटैक किया, जिसमें 11 ईरानी पुलिसकर्मियों की मौत हो गई।
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