बिहार की पुलिस ने अपनी फजीहत का रिकार्ड बना दिया है. एक बार फिर पूर्व मंत्री के राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार के समय पुलिस की राइफल फुस्स हो गयी. 12 राइफल से पूर्व मंत्री स्व. रामधनी सिंह के अंतिम संस्कार के समय उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जा रहा था. लेकिन कुल दो राइफल से गोली चली, 10 बेकार साबित हुए. राजकीय सम्मान के समय बिहार पुलिस की राइफल फेल होने का ये कम से कम चौथा वाकया है, लेकिन बिहार की पुलिस और सरकार ने अपनी फजीहत का रिकार्ड बनाने का प्रण ले रखा है।

सासाराम में हुआ वाकया

दरअसल कल बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह का निधन हो गया था. नीतीश कुमार ने उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ करने का एलान किया. सासाराम के पास करगहर में स्व. रामधनी सिंह का अंतिम संस्कार आज किया गया. पूरा प्रशासनिक अमला वहां जमा था. डीएम और एसपी की मौजूदगी में 12 पुलिस जवानों को फायरिंग कर स्व. रामधनी सिंह को आखिरी सम्मान देने का आदेश दिया गया।

12 में से दो राइफल से गोली चली

पुलिस के जवानों ने जब फायरिंग करना शुरू किया तो भद्द पिट गयी. कुल मिलाकर 2 राइफल से फायरिंग हो पायी. बाकी 10 राइफल से गोली ही नहीं चली. पुलिस जवानों से गोली चलवाने के लिए तैनात अधिकारी आदेश देते रह गये, राइफल से गोली नहीं निकली. अंतिम संस्कार के दौरान कई राजनेता भी मौजूद थे. वे सब पुलिस की ये हालत देखकर हतप्रभ थे।

पांचवी बार हुई फजीहत 

पिछले चार सालों में पांचवी दफे बिहार पुलिस की ये फजीहत हुई है. 2019 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. जगन्नाथ मिश्रा के अंतिम संस्कार में खुद सीएम नीतीश कुमार मौजूद थे. राजकीय सम्मान से हो रहे अंतिम संस्कार में पुलिस की 22 रायफल में से किसी से भी फायर नहीं हो पाया. इस घटना के बाद देश भर में बिहार पुलिस की फजीहत हुई. बाद में सरकार ने आश्वस्त किया था ऐसा दुबारा नहीं होगा।

लेकिन लगातार ऐसी घटनायें होती रहीं. दो साल पहले मुंगेर में मौलाना वली रहमानी के अंतिम संस्कार के समय भी बिहार पुलिस की भारी फजीहत हुई. जहां गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान बिहार पुलिस के जवानों की राइफल से गोलियां नहीं चलीं. काफी मशक्कत के बाद 10 जवानों में से चार जवानों की राइफल से गोली चली, जिसके बाद किसी तरह गार्ड ऑफ ऑनर देने का कोरम पूरा किया गया।


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