शिक्षक भर्ती परीक्षा में B.Ed पास अभ्यर्थियों को नहीं लेने पर विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता विजय सिन्हा ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इन बच्चों का दोष क्या है? उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के शारिरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का जवाब कौन देगा?

आपको बता दें कि B.Ed पास अभ्यर्थियों का शिक्षक बनने का सपना अब टूट गया है. शिक्षा विभाग ने अब एक फैसला लिया है, जिससे उनके सारे अरमानों पर पानी फिर गया है. बीपीएससी और शिक्षा विभाग ने मिलकर ये फैसला लिया है. शिक्षक बहाली में शामिल बीएड पास कैंडिडेट्स के रिजल्ट पर भी रोक लगा दी गई है. जिसका मतलब ये है कि 14 सितंबर को अब केवल डीएलएड का रिजल्ट जारी होगा।

वहीं, इस मामले पर अब राजनीति हो रही है. बीजेपी B.Ed पास अभ्यर्थियों के समर्थन में आ गई है. इसी को लेकर प्रतिपक्ष नेता विजय सिन्हा ने कहा कि BEd DlED दोनों डिग्री वाले छात्रों की प्रतिभा का हनन करने के लिए सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया? हम मानते हैं कि माननीय न्यायालय के निर्णय का सम्मान हो, लेकिन इन बच्चों का दोष क्या है? जो अपनी परीक्षा के लिए प्लेटफार्म पर कष्ट सह कर, मेहनत कर के परीक्षा दिया. इसकी आर्थिक, मानसिक, शारीरिक नुकसान का भरपाई कौन करेगा? चाहे शराब नीति हो बालू नीति हो या शिक्षा नीति हो, वह केवल वसूली नीति बनकर रह गया है. 33 वर्षों की भाई-भाई सरकार में शिक्षा विभाग लगातार उनके जिम्मे रहा है. तीन दशक में भर्ती के लिए एक बेहतर नियम नहीं बना पाए, अब चुनाव का समय है तब आप वसूली के लिए तमाशा कर रहे हैं. प्रतिभा का सम्मान कीजिए और समाधान निकालिए।

आपको बता दें कि कल भी विजय सिन्हा ने मांग की थी कि शिक्षक भर्त्ती परीक्षा में सम्मिलित सभी अभ्यर्थियों का परिणाम घोषित करें और बीएड वालों का भी रिजल्ट जारी करें. उन्होंने आगे कहा कि बीएड वाले को सरकार मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में समायोजित करे और बी.एड वाले अभ्यर्थियों का परिणाम लंबित रखना नीतीश सरकार की मनमानी का नमूना है. उन्होंने मांग की है कि सरकार की गलत नीति के कारण लगभग 4 लाख अभ्यर्थियों को आर्थिक क्षति की भरपाई भी नीतीश सरकार करे।


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