Share

पश्चिमी चंपारण. कहते हैं कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती कुछ ऐसा ही कर दिखाया है पश्चिम चंपारण के बेतिया के विकास कुमार ने. पिता ने विषम परिस्थितियों में भी अपने हौसले की बदौलत विकास को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया और विकास ने भी पिता के हालातों को बदलने के लिए कुछ कर गुजरने की ठान ली. रास्ते में प्राइवेट नौकरी का मौका मिला लेकिन विकास प्रशासनिक सेवा के उच्च पदों तक पहुंचाना चाहता था. बीपीएससी की परीक्षा परिणाम आने के बाद विकास ने 43वां रैंक हासिल कर एसडीएम पद पर सफलता पाई है।

बेतिया से करीब 14 किमी दूर हरिनगर गांव के रहनेवाले सुन्दर साह के पुत्र विकास कुमार ने के आर उच्च विद्यालय बेतिया से मैट्रिक की पढ़ाई की. फिर इंटर की पढ़ाई करने के बाद मरीन इंजीनियरिंग की पढ़ाई कोलकाता से की. मरीन इंजीनियरिंग करने के बाद वह नौकरी करने लगा लेकिन नौकरी करते समय उन्हें अजब सी बेचैनी हो रही थी. लगता था कि वह आगे और बहुत कुछ कर सकते हैं. यही सोच कर उन्होंने नौकरी छोड़ दी और आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए।

विकास बताते हैं कि गरीब परिवार के होने के बाद भी नौकरी को छोड़कर पढ़ाई करना उनके लिए आसान काम नहीं था. पिता के सपोर्ट के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गए. विकास बताते हैं कि उनके पिता ने मुश्किल हालातों में भी उन्हें पढ़ाया लिखाया. बचपन से ही विकास के पिता विकास में कुछ करने की क्षमता देख रहे थे।

विकास ने बताया कि वे लोग तीन भाई और एक बहन है. बहन की शादी हो चुकी है और विकास के दोनों भाई गांव में खेती करने में पिता का सहयोग करते हैं. यूपीएससी के साथ विकास बीपीएससी की परीक्षा भी दे रहा थ. 66वीं में प्री में असफल होने के बाद 67वीं में उसने इंटरव्यू तक पहुंचकर सफलता पाई।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading