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भागलपुर में टला बड़ा रेल हादसा, टूटी पटरी देख मचा हड़कंप, कई ट्रेनें प्रभावित

भागलपुर जिले के अकबरनगर थाना क्षेत्र के खेरेहिया गांव के समीप अप लाइन के पास पटरी टूटने से बड़ा रेल हादसा टल गया। घटना मंगलवार की अहले सुबह 5:40 बजे की बताई जा रही है। सूचना मिलते ही रेल विभाग के इंजीनियर ने भागलपुर से अकबरनगर आकर जांच पड़ताल की।

इसके बाद करीब एक घंटे तक अप लाइन में रेलकर्मी पटरी को मरम्मत करने में जुट गए। पटरी टूटने के कारण सुपर व इंटर सिटी व एक मालगाड़ी को स्पीड कम कर आवाजाही कराया गया। इस संबंध में स्टेशन मास्टर देवेश कुमार ने बताया कि सुबह जानकारी मिली कि खेरेहिया के समीप पटरी टूट गयी है।

इसके बाद विभाग को सूचना दी गई। पटरी टूटने से कोई हादसा नही हुआ है। हालांकि ब्लॉक के कारण ट्रेनें प्रभावित हुई है।

सारनाथ एक्सप्रेस में चली गोली, RPF जवान की मौत और एक यात्री घायल

छत्तीसगढ़ के रायपुर रेलवे स्टेशन पर फरयिंग की वजह से एक आरपीएसएफ जवान की मौत हो गई। वहीं ट्रेन में सवार एक अन्य यात्री इस फायरिंग में घायल भी हुआ है। बताया जा रहा है कि जवान के पास एक रायफल थी और इसी से मिस फायर हुआ है। फायरिंग के बाद गोली जवान के साइन में लगी और उसके ऊपर के बर्थ पर बैठे यात्री को भी लग गई। जवान की तो मौत हो गई लेकिन यात्री घायल हो गया, जिसे रामकृष्ण अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

ट्रेन में सवार थे आरपीएसएफ के चार जवान

मृतक जवान का नाम दिनेश चांद बताया जा रहा है, जोकि राजस्थान का रहने वाला था।

जानकारी के अनुसार, छपरा से दुर्ग तक चलने वाली सारनाथ एक्‍सप्रेस शनिवार सुबह अपने तय समय पर उसलापुर पहुंची। इसके बाद ट्रेन उसलापुर स्‍टेशन से रायपुर के लिए रवाना हुई। ट्रेन में आरपीएफ उप निरीक्षक एसडी डी घोष के साथ चार आरपीएसएफ जवान डयूटी पर तैनात थे।

ट्रेन में गोली चलने से मची भगदड़

ट्रेन जैसे ही शनिवार सुबह रायपुर स्‍टेशन के प्‍लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची। इसी दौरान ट्रेन से उतरते समय स्‍लीपर के कोच नंबर दो से गोली चलने की आवाज आई। गोली आवाज सुनकर यात्री दहशत में आ गए। साथी जवान जब मौके पर पहुंचे तो देखा कि आरपीएसएफ आरक्षक दिनेश चांद ट्रेन के फर्श पर गिरा पड़ा है।

आरक्षक के शरीर को चीरते हुए गोली यात्री को लगी

प्राथमिक जांच में कहा जा रहा है कि गोली आरपीएसएफ आरक्षक दिनेश चांद के बंदूक से चली है। जिससे गोली आरक्षक दिनेश के सीने में जा लगी। जबकि इस घटना में एक यात्री भी जख्मी हो गया। दोनों को आनन-फानन में निजी अस्‍पताल में भर्ती किया गया है। जहां इलाज के दौरान जवान की मौत हो गई। इस घटना के बाद स्‍टेशन पर अफरा-तफरी मच गई। हालांकि आरक्षक के बंदूक से गोली कैसे चली, इसे लेकर पुलिस जांच कर रही है। वहीं आरपीएफ के अधिकारी इसे एक्सिडेंटल फायर बता रहे हैं।

रेलवे ने दी बड़ी सौगात, रक्सौल से जोगबनी भाया सीतामढ़ी चलेगी साप्ताहिक ट्रेन

सीतामढ़ी जिलावासियों को रेलवे से बड़ी खुशखबरी मिली है। एक साथ दो एक्सप्रेस एवं पैसेंजर ट्रेनों की सौगात मिली है।  अब यहां के लोग सीतामढ़ी से सीधा जोगबनी रेलवे स्टेशन तक की यात्रा कर सकेंगे।

रेलवे रक्सौल से जोगबनी भाया सीतामढ़ी – दरभंगा – झंझारपुर होते हुए जोगबनी तक एक साप्ताहिक ट्रेन परिचालन कराने जा रहा है, जिसकी मंजूरी 20 जनवरी 2024 को मिल चुकी है। हालांकि, सीतामढ़ी – दरभंगा के बीच शीशो रेलवे स्टेशन पर रेलवे एनआई कार्य करा रही है। जिस कारण इन ट्रेनों का परिचालन बाधित है। एनआई कार्य पूरा होते ही यह ट्रेन चलने लगेगी।

रक्सौल से सोमवार-गुरुवार को चलेगी ट्रेन

रेलवे रक्सौल से जोगबनी तक जो ट्रेनें चल रही है, उसमें कुल 12 कोच होंगे। जिसमें 02 एसएलआर कोच, 04 जीएस कोच, 5 जीएससीएन और एक आईएसीसीएन कोच होंगे।

यह ट्रेन रक्सौल से दोपहर 12:40 बजे प्रस्थान कर सीतामढ़ी दोपहर 02:52  बजे पहुंचेगी। यहां से दरभंगा शाम 04:35 बजे, सकड़ी शाम 05:28 बजे, झंझारपुर शाम 06:00 बजे, सरायगंज शाम 07:10 बजे, ललित ग्राम शाम 07:50 बजे, फारबिसगंज शाम 09:15 बजे तथा जोगबनी रात के 10:30  बजते पहुंचेगी। एक घंटा 15 मिनट ठहराव के बाद यह उसी दिन रक्सौल के लिए वापस होगी।

जयनगर-रक्सौल के बीच चलेगी एक सवारी गाड़ी

रेल सूत्रों की मानें तो रेलवे ने रक्सौल से जयनगर भाया सीतामढ़ी जल्द ही एक नई सवारी गाड़ी चलाने जा रही है। इसको लेकर भी नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।

जयनगर से रक्सौल के बीच चलने वाली सवारी गाड़ी रक्सौल से शाम के 18:40 में प्रस्थान करेगी, जो दरभंगा दरभंगा रात के 11:55 बजे और जयनगर रात के 02:30 पहुंचेगी। जबकि वही ट्रेन जयनगर से सुबह के 03:45 बजे प्रस्थान करेगी, जो दरभंगा 05:25 बजे और रक्सौल 09:30 बजे पहुंचेगी।

यह ट्रेन सभी हॉल्ट एवं क्रासिंग स्टेशनों पर ठहराव करेगी। यह ट्रेन रक्सौल से चलने के बाद घोडासाहन, बैरागानिया, सीतामढी, जनकपुर रोड, दरभंगा, सकडी, पंडौल, मधुबनी व राजनगर समेत अन्य स्टेशनों पर कामर्शियल ठहराव करेगी।

इस सौगात से खुश हैं लोग

रेल प्रशासन द्वारा दोनों ट्रेनों के परिचालन को लेकर नोटिफिकेशन जारी किए जाने के बाद स्थानीय लोगों में हर्ष का माहौल है। लोगों की मानें तो कभी इस रूट से नार्थ ईस्ट ट्रेन गुजरती, जो बंद हो गई।

अब रक्सौल – जोगबनी के बीच ट्रेनों का परिचालन होने से यहां के लोगों को फायदा होगा। दूसरी ओर रक्सौल से जयनगर के बीच एक सवारी गाड़ी भी चलाने का निर्णय लिया गया है। जिससे लोग खुश दिख रहे हैं।

बिहार में हाई स्पीड ट्रेन चलाने की कवायद शुरू, पूर्व मध्य रेल कर रहा निरिक्षण

वंदे भारत, अमृत भारत सहित अन्य हाई स्पीड ट्रेनों के परिचालन को लेकर पूर्व मध्य रेल चिंतित है। पूर्व मध्य रेल के अलावा सोनपुर रेलमंडल स्तर से लगातार माॉनिटरिंग की जा रही है। रेल पटरियों को बदलने के साथ सही भी किया जा रहा है।

बुधवार को पूर्व मध्य रेल के प्रधान मुख्य अभियंता अमित गर्ग ने हाजीपुर-मुजफ्फरपुर से लेकर समस्तीपुर तक बिंडो टेलरिंग से निरीक्षण किया। इस दौरान ट्रैक की स्थिति, लेबल क्रॉसिंग और आरओबी का जायजा लिया।

इसकी रिपोर्ट पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक अनिल कुमार खंडेलवाल को सौंपेंगे। उसके बाद रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा। प्रधान मुख्य अभियंता का विशेष कोच 15550 पटना-जयनगर इंटरसिटी एक्सप्रेस में जोड़ा गया। जिसके माध्यम से उन्होंने रेलखंड का निरीक्षण किया।

समस्तीपुर रेल मंडल में 125 करोड़ की लागत से बनेगा मेमू शेड

समस्तीपुर रेल मंडल में मेमू शेड का निर्माण कराया जाएगा। रेल प्रशासन ने कवायद तेज कर दी है। इसके निर्माण पर 125 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मेमू शेड में एक साथ 30 रैक का रखरखाव किया जाएगा। इसके बनने से समस्तीपुर रेल मंडल में परिचालित होने वाली मेमू का मेंटनेंस कार्य यहीं हो सकेगा। इसका प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा गया है। वहां से स्वीकृति मिलने के उपरांत जमीन चिह्नित की जाएगी।

रेल अधिकारियों के अनुसार सवारी गाड़ियों को तेज गति से चलाने के लिए तमाम रैक को मेमू रैक में बदला जा रहा है। मेमू रैक तेज गति से तो चलती ही है पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी अनुकूल है। यही कारण है कि समस्तीपुर मंडल ही नहीं सोनपुर, मुगलसराय व दानापुर रेल मंडल में अब मेमू ट्रेनों की संख्या काफी बढ़ गई है। लगातार डेमू अथवा कंवेंशनल रैक को मेमू रैक से बदला जा रहा है। इससे लोकल ट्रेनों की गति और समयबद्धता भी बढ़ी है।

पांच वर्षों में भारतीय रेलवे ने दी तीन लाख नौकरियां, पारदर्शी एवं व्यवस्थित हुई रोजगार देने की प्रक्रिया

भारतीय रेलवे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती रेल नेटवर्क प्रणाली है। सेवा के साथ-साथ यह नौकरी एवं रोजगार का माध्यम भी बन रहा है। पिछले पांच वर्षों के दौरान रेलवे में दो लाख 94 हजार से ज्यादा पदों पर सीधी नियुक्तियां की गईं।

रेलवे संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट में बताया गया है कि नौकरियां और रोजगार देने की प्रक्रिया को पहले से अत्यधिक पारदर्शी एवं व्यवस्थित किया गया है। समिति के सभापति राधामोहन सिंह ने बताया कि अमेरिका, चीन एवं रूस के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, जिसमें प्रतिदिन लगभग दो करोड़ से ज्यादा लोग यात्रा करते हैं।

रेल यात्रा को सहज और सुलभ में जुटी सरकार

केंद्र सरकार रेल यात्रा को सहज और सुलभ बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी मकसद से यात्रियों से टिकट का सिर्फ 53 ही लिया जाता है। बाकी की राशि अनुदान से पूरी की जाती है। रेलवे ने समय और सुरक्षा पर विशेष फोकस किया है। एक ही ट्रैक पर पैसेंजर एवं मालगाडि़यों के परिचालन से बेवजह ट्रेनें लेट होती हैं। इसके लिए दो डेडिकेटेड फ्रेड कोरिडोर का निर्माण किया गया। अन्य चार कोरिडोर की तैयारी है। सुरक्षा के लिए कवच को 1465 रूट किमी और 139 लोकोमोटिव पर तैनात किया गया है।

पिछले दस वर्षों के दौरान रेलवे की उपलब्धियां बताते हुए राधामोहन ने कहा कि वर्ष 2022-23 में स्विट्जरलैंड रेलवे के बराबर 5243 किमी ट्रैक बनाए गए, जबकि नौ वर्षों में जर्मन रेलवे के बराबर 25 हजार 434 किमी ट्रैक बने। बजट की राशि में भी 30 गुना वृद्धि हुई।

रोज 16 किमी नई रेल लाइन बिछाने क लक्ष्य

2004-05 में रेलवे का बजट 8,000 करोड़ और 2013-14 में यह 29,055 करोड़ था, किंतु वर्ष 2023-24 में दो लाख 40 हजार करोड़ हो गया। राधामोहन ने कहा कि नौ वर्षों में नई रेल लाइन बिछाने में लगभग 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई। प्रतिदिन 14 किमी ट्रैक बिछाया गया। आगे यह लक्ष्य 16 किमी प्रतिदिन करने का है।

सिंगल लाइन को डबल किया गया। साथ ही रेलवे विद्युतीकरण परियोजनाओं पर पांच गुना राशि बढ़ा दी गई है। ससमय ट्रेन संचालन के साथ-साथ सड़क यात्रा को भी सुरक्षित करने का प्रयास किया गया। इसके तहत में लेवल क्रॉ¨सग (एलसी) को खत्म करने की प्राथमिकता दी जा रही है।

विस्टाडोम ट्रेन से होगी भारत के ‘जन्नत’ की सैर, बाहर ही नहीं रेल के अंदर का नजारा भी है बेहद खूबसूरत

उत्तर रेलवे ने कश्मीर के स्थानीय लोगों और पर्यटकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए पहले से ही संचालित रेल नेटवर्क में एक नई और आकर्षक सुविधा जोड़ी है. बीते साल 19 अक्तूबर को कश्मीर में हर मौसम के लिए उपयुक्त विस्टाडोम ग्लास-सीलिंग एसी ट्रेन शुरू किया गया था. आज बर्फ़ीले मौसम में, स्थानीय लोगों और पर्यटकों को बनिहाल से बारामुला तक 135 किमी लंबे ट्रैक के साथ घाटी के सुंदर परिदृश्य का मनमोहक दृश्य देखने का मौक़ा मिल रहा है मानो आप स्विट्ज़रलैंड मैं हो।

यह विस्टाडोम ट्रेन सभी मौसमों में सुचारू रूप से चलने में सक्षम है, चाहे वह गर्मी हो या कश्मीर की कड़ाके की ठंड. इस ट्रेन के चलने से जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इसी क्रम में बुधवार (7 फरवरी) से जब यह ट्रेन चली, तो बर्फ की चादरों से ढ़की घाटियों का अद्भुत और मनमोहक नजारा देखने को मिला.

विशेष रूप से तैयार की गई विस्टाडोम ट्रेन में डबल-वाइड रिक्लाइनिंग सीटें हैं, जो पूरे 360 डिग्री तक घूम सकती हैं. जिससे यात्रियों को अपने आसपास का एक विस्तृत मनोहर दृश्य देखने को मिलेगा. इसके अलावा इसमें कांच के गुंबद वाली छत, स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे, सामान रैक, मनोरंजन के लिए एलईडी स्क्रीन और जीपीएस-सक्षम सूचना प्रणाली शामिल है.

कितना होगा किराया?

रेलवे कर्मचारी प्रभात कुमार ने बताया कि यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलेगी और सभी के लिए उपलब्ध होगी. ट्रेन टिकटों की दर 940 रुपये प्रति व्यक्ति होगी और यह दिन में दो बार चलेगी. 40 सीटों वाली विस्टाडोम कोच बनिहाल से बडगाम और बारामूला स्टेशनों तक चलेगी. वातानुकूलित गाड़ी में विशाल कांच की खिड़कियां, एक कांच की छत, एक अवलोकन लाउंज और सीटें हैं जो घूम सकती हैं. जिससे यात्रियों को 135 किमी के लंबे मार्ग पर घाटी की प्राकृतिक सौंदर्यता का लुत्फ उठा सकेंगे.

सभी मौसम में चल सकेगी ये ट्रेन

इस ट्रेन के कोचों का उत्पादन चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में किया गया है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 4 करोड़ रुपये है. ये घाटी की हाड़ कंपाने वाली ठंडक और चिलचिलाती गर्मी को प्रभावी ढ़ंग से व्यवस्थित करने के लिए एयर कंडीशन से लैस किया गया है. उत्तर रेलवे ने पिछले साल जुलाई में वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों की देखरेख में बडगाम से बारामूला तक एक ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा किया था.

ट्रायल रन कामयाब होने के बाद इस ट्रेन का संचालन शुरू कर दिया गया. यह ट्रेन कई सुविधाओं से लैस है. ट्रेन की सीटें हवाई जहाज की सीटों की तरह काफी कंफर्टबल हैं. जिससे यात्री आसानी से भोजन का आनंद ले सकें. यात्रा के समय यात्री भारतीय रेलवे के मेन्यू से हल्का भोजन आर्डर कर सकते हैं.

‘वोकल फॉर लोकल को मिला आधार’

विशेष सुविधाओं से लैस इस ट्रेन को चलाने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल के विचार को आधार माना जा रहा है, जिससे यहां पर आने के लिए पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके और क्षेत्र में रोजगार पैदा हो. कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले रेल लिंक का काम अंतिम चरण में है, वह दिन दूर नहीं जब ट्रेन कश्मीर को कन्याकुमारी से जोड़ेगी और विस्टाडोम कोच की शुरुआत जम्मू-कश्मीर की विकासात्मक यात्रा की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा.

160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी वंदे भारत, गति बढ़ाने पर तेजी से जारी है काम

वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ाकर 82 कर दी गई है। अब नई दिल्ली-मुंबई व नई दिल्ली-हावड़ा रूट पर इन ट्रेनों की गति 160 किमी प्रति घंटा तक बढ़ाने पर काम किया जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में 10 सांसदों द्वारा किए गए सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।

वंदे भारत की राज्यवार औसत आय सृजन पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि ट्रेन वार और राज्य वार राजस्व सृजन का रखरखाव नहीं किया जाता है। आक्यूपेंसी के सवाल पर रेल मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान वंदे भारत ट्रेनों में आक्यूपेंसी दर 96.62 प्रतिशत रही।

ऑनलाइन दर्ज कराई जा सकती है शिकायत

कोई भी नागरिक केंद्रीय सरकार विभाग, राज्य और केंद्रशासित प्रदेश से संबंधित शिकायत केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पर दर्ज करा सकता है। केंद्र व राज्य सरकार के प्रत्येक मंत्रालय व विभाग की इस प्रणाली तक पहुंचे हैं और शिकायतों का निस्तारण विकेंद्रीकृत आधार पर किया जाता है।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों के 1.3 लाख शिकायत अधिकारी इस प्रणाली से जुड़े हैं। सीपीजीआरएएमएस को 19 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के शिकायत पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है।

आस्था स्पेशल ट्रेन रामलला के दर्शन कराकर लौटी भागलपुर, गूंजा श्रीराम का नाम श्रद्धांलु का स्टेशन पर भव्य स्वागत

श्रीराम मंदिर अयोध्या की यात्रा के लिए खास तौर पर चलाई जा रही आस्था स्पेशल ट्रेन सोमवार को भागलपुर लौट आयी। स्टेशन पर यात्रियों का बाजे-गाजे के साथ पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया गया जिसका नेतृत्व भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष कुमार ने किया।
सभी जय श्री राम के उद्घोष लगा रहे थे और यात्रियों के चेहरे पर खुशी झलक रही थी।इसके बाद भागलपुर पहुंचे श्रद्धालु अभिभूत भी दिखाई दे रहे हैं.

रेलवे प्रशासन का भरपूर सहयोग

भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा की भगवान राम के दर्शन के लिए लोगों में काफी उत्साह है और हर कोई अयोध्या धाम जाकर रामलला के दर्शन करने को उत्सुक नजर आये । हमारी पीढ़ी भाग्यशाली है जिसने न केवल राम मंदिर आंदोलन देखा है बल्कि अयोध्या में दिव्य-भव्य राम मंदिर को बनते भी देखा है।

इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष राजकिशोर गुप्ता, राजेश टंडन, जिला मीडिया प्रभारी प्राणिक वाजपेयी,प्रकाश साह, रितेश घोष, विनीत भगत, अनिल कुमार आदि कार्यकर्ता ने श्रद्धांलु का अंग वस्त्र एवं पुष्प बरसाकार स्वागत किया

रेलवे : जनहित व जनसेवा ट्रेन अब पूर्णिया कोर्ट तक जाएगी

पाटलिपुत्र-सहरसा जनहित एक्सप्रेस और अमृतसर-बनमनखी अप डाउन जनसेवा एक्सप्रेस का विस्तार पूर्णिया कोर्ट तक होगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने समय सारिणी जारी कर दी है।

सहरसा-सुपौल अप डाउन नई मेमू स्पेशल ट्रेन भी चलेगी। रेलवे बोर्ड के उप निदेशक कोचिंग राजेश कुमार द्वारा जारी पत्र के मुताबिक पाटलिपुत्र से दोपहर तीन बजे जनहित एक्सप्रेस सहरसा पहुंचकर 3.35 बजे पूर्णिया कोर्ट के लिए चलेगी। ट्रेन पूर्णिया कोर्ट शाम 6.15 बजे पहुंचेगी। वहीं पूर्णिया कोर्ट से रात साढ़े 8 बजे खुलेगी और सहरसा देर रात 10.50 बजे पहुंचेगी।

सहरसा से जनहित एक्सप्रेस अपने वर्तमान समय में देर रात साढ़े 11 बजे पाटलिपुत्र के लिए चलेगी। उधर पूर्णिया कोर्ट से जनसेवा एक्सप्रेस सुबह 5.35 बजे खुलेगी और बनमनखी 6.25 बजे पहुंचेगी। बनमनखी से सुबह साढ़े 6 बजे खुलेगी और अगले दिन सुबह 4.40 बजे अमृतसर पहुंचेगी। अमृतसर से जनसेवा सुबह 6.35 बजे खुलेगी और अगले दिन पूर्णिया कोर्ट शाम 6.35 बजे पहुंचेगी। यह ट्रेन बनमनखी शाम 5.45 बजे पहुंचकर 5.50 में पूर्णिया कोर्ट को जायेगी। पत्र के मुताबिक सहरसा से सुपौल के लिए नई मेमू स्पेशल ट्रेन सुबह 4.40 बजे खुलेगी और 5.40 बजे सुपौल स्टेशन पहुंचेगी। सुपौल से सुबह 6.05 बजे खुलेगी और 7 बजे सहरसा पहुंचेगी। इस ट्रेन से सुपौल से आये यात्री पटना जाने वाली राज्यरानी एक्सप्रेस पकड़ सकेंगे। राज्यरानी के लिए यह लिंक ट्रेन का काम करेगी।

मेमू ट्रेन भी चलेगी

सहरसा-मधेपुरा मेमू स्पेशल ट्रेन भी चलेगी। सहरसा से दोपहर साढ़े 12 बजे खुलेगी और 1.10 बजे मधेपुरा स्टेशन पहुंचेगी। वहीं मधेपुरा से दोपहर 2.40 बजे खुलेगी और 3.25 बजे सहरसा जंक्शन पहुंचेगी। खास बात यह कि सुपौल और मधेपुरा रूट पर पहली बार मेमू ट्रेन की सुविधा मिलेगी। इसके चलने की तिथि की जल्द घोषणा होगी।