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राजस्‍थान के आईएएस घनश्‍याम मीणा वर्तमान में यूपी के यूपी के फ़िरोज़ाबाद म्युनिसिपल कमिश्नर हैं. वह 2015 बैच के आईएएस हैं और उनकी पत्‍नी वर्ष 2017 बैच की आईएएस हैं और वर्तमान में यूपी के अयोध्‍या की मुख्‍य विकास अधिकारी हैं, लेकिन इसके पीछे की कहानी भी काफी दिलचस्‍प है. कहते हैं न कोई यूं ही नहीं कोई मुकाम हासिल कर लेता, उसके पीछे काफी मेहनत होती है, जो पर्दे के पीछे रह जाती है और कम ही लोग उसकी तह तक पहुंच पाते हैं.

घनश्‍याम मीणा आईएएस बनने के संघर्ष को खुलकर बताया और साथ ही उन्‍होंने यह भी बताया कि कैसे सिविल सर्विसेज के दौरान ही उनकी मुलाकात अनीता से हुई, जो बाद में चलकर उनकी हमसफर बन गईं. घनश्‍याम मीणा बताते हैं कि वह 7 भाई बहन हैं और उनकी पढ़ाई लिखाई जयपुर में ही हुई उनके परिवार में पढ़ाई को हमेशा से प्राथमिकता दी गई. यही कारण है कि उनके भाई बहनों में सभी अच्‍छे पदों पर हैं. कोई डॉक्‍टर, कोई इंजीनियर तो अकाउंटेंट ऑपिफसर है. इसके पीछे की वजह वह यह बताते हैं कि चूंकि उनके पिताजी एडिशनल कमिश्‍नर थे, तो उनका फोकस पढ़ाई को लेकर हमेशा रहता था.

घनश्‍याम कहते हैं बिड़ला सीनियर सेकेंडरी स्‍कूल पिलानी से 10वीं 12वीं की पढ़ाई करने के बाद बिट्स पिलानी से इंजीनियरिंग किया. वह बताते हैं कि वर्ष 2009 में इंजीनियरिंग पासआउट होने के बाद देश दुनिया में मंदी का दौर आया, जिसकी वजह से नौकरियां नहीं मिल रही थीं. ऐसे उन्‍होंने तय किया कि वह सिविल सर्विसेज की तैयारी करेंगे और आईएएस बनेंगे.

तैयारी के लिए वह दिल्‍ली चले गए. 2010 में उन्‍होंने यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन प्री भी क्‍लियर नहीं हुआ. इसी दौरान घनश्‍याम ने राजस्‍थान पीसीएस का फॉर्म भरा और पहले ही प्रयास में उन्‍होंने पीसीएस की लिखित परीक्षा पास कर ली. पीसीएस के इंटरव्‍यू की तैयारी के लिए उन्‍हें जोधपुर जाना पडा. यहीं उनकी मुलाकात दो अन्‍य दोस्‍तों के साथ अनीता से भी हुई. इंटरव्‍यू की तैयारी सब साथ करने लगे.आखिरकार अनीता और घनश्‍याम का सेलेक्‍शन राजस्‍थान वाणिज्‍य कर विभाग में हो गया. दोनों की पोस्टिंग जयपुर में ही हो गई लेकिन घनश्‍याम के मन में आईएएस बनने का ख्‍वाब पल रहा था. ऐसे में वह और अनीता दोनों यूपीएससी की तैयारी में जुटे रहे. वर्ष 2013 में घनश्याम का प्री मेंस क्‍लियर हो गया और इंटरव्‍यू कॉल हो गया, लेकिन फाइनल रिजल्‍ट में उनका सेलेक्‍शन नहीं हुआ.

घनश्‍याम कहते हैं कि वाणिज्‍य कर विभाग में नौकरी करते हुए तैयारी करना आसान नहीं था. शाम 5 बजे ऑफिस से आने के बाद रात में 11 बजे तक, उसके बाद सुबह 1 बजे से 7 बजे तक वह पढ़ाई करते थे. वर्ष 2014 में उन्‍होंने रणनीति बदली और इस बार उनका सेलेक्‍शन हो गया. ट्रेनिंग के लिए उन्‍हें मसूरी भी दिया गया. घनश्‍याम बताते हैं कि वर्ष 2015 में अनीता का यूपीएससी प्री क्‍लियर हो गया. ट्रेनिंग के बाद वह अनीता की तैयारी कराते. 8 दिसंबर को यूपीएससी मेंस की परीक्षा थी और 22 नवंबर को शादी ऐसे में तैयारी काफी मुश्‍किल था लेकिन आखिरकार सफलता मिली और अनीता को इंटरव्‍यू कॉल आ गई. इस परीक्षा में अनीता को आईआरएस कैडर मिल गया लेकिन अनीता ने 2016 में दिल्‍ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी की और 350 वीं रैंक के साथ उन्‍हें आईएएस कैडर मिल गया.

घनश्‍याम कहते हैं कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में तीन बातें अहम हैं पहली है सामूहिक तैयारी, दूसरी ईमानदारी के साथ प्रयास. जो भी अभ्‍यर्थी इसे अपनाएगा उसे सफलता जरूर मिलेगी.


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