बिहार में शिक्षा विभाग को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. कभी परीक्षा में चीटिंग तो कभी परीक्षा में अश्लील भोजपुरी वीडियो देखते हुए एग्जाम देते हुए बिहार के बच्चों के वीडियो ने खूब सुर्खियां बटोरी. वहीं, पिछले कुछ महीनों से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक एक्शन में नजर आ रहे हैं. केके पाठक ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए आदेश जारी कर दिया है. दरअसल, अधिकारियों के निरीक्षण में बड़ा खुलासा किया गया जिसके बाद केके पाठक ने तुरंत उस पर कार्रवाई कर दी. इस कार्रवाई में 24 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया तो वहीं 43 शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया।
इसके अलावा 51 अन्य शिक्षकों की भी निलंबन की अनुशंसा है. वहीं, 131 शिक्षकों की भी निलंबन की बात कही जा रही है. इसके साथ ही 1095 शिक्षकों की वेतन कटौती भी की जा सकती है. ये ऐसे शिक्षक हैं जो तय समय पर स्कूल नहीं आते हैं. वहीं, निलंबन ऐसे शिक्षकों का किया गया है जो 2 साल से लेकर 6 महीने तक स्कूल नहीं आए हैं. निलंबित शिक्षकों में बिहार के बांका और नवादा जिलों के शिक्षक बताए जा रहे हैं।
बता दें कि लगातार केके पाठक अलग-अलग जिलों में जाकर स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं. निलंबित शिक्षकों में फिलहाल नवादा . केके पाठक की यह शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए बड़ी पहल है, जिससे सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार की संभावना जताई जा रही है. इस कार्रवाई के बाद शिक्षक तय समय सीमा पर आएंगे और बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी, ऐसी संभावना जताई जा रही है. जिस तरह से शिक्षा विभाग को लेकर केके पाठक सख्ती दिखा रहे हैं. अगर शिक्षक इस चीज को गंभीरता से लेते हैं तो देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ होना बंद हो जाएगा।
यह पहली बार नहीं है जब केके पाठक ने सख्ती दिखाते हुए कोई बड़ा फैसला सुनाया है. इससे पहले भी वह स्कूल में शिक्षा स्तर, शिक्षक का समय पर स्कूल आना और स्कूल में साफ-सफाई को लेकर कई निर्देश जारी कर चुके हैं. केके पाठक अकसर स्कूलों के निरीक्षण पर निकलते हैं।
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