बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने जब से पद संभाला है तब से एक के बाद सख्त फैसले लिए गए हैं. उन्होंने सरकारी स्कूलों की व्यवस्था पर विशेष फोकस किया है. शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति पर भी के के पाठक का जोर दिखा है. वहीं उन्होंने सख्त निर्देश दिए हैं कि स्कूल नहीं आने वाले छात्र-छात्राओं के नाम काट दिए जाएं. इसका असर भी अब दिखने लगा है. अबतक एक लाख से अधिक बच्चों के नाम स्कूल से कट चुके हैं।

बिहार के सरकारी स्कूलों से एक लाख से अधिक छात्र- छात्राओं के नाम काटा जा चुका है. शिक्षा विभाग की ओर से जिलों को निर्देश दिया गया था कि स्कूल नहीं आने वाले छात्र-छात्राओं का नाम स्कूल से काटा जाए. लगातार तीन दिनों तक अगर विद्यार्थी स्कूल नहीं आते हैं तो उनके अभिभावक को नोटिस दें और अगर उसके बाद भी लगातार 15 दिनों तक बच्चे स्कूल नहीं आएं तो उनका नामांकन रद्द कर दें. जिसके बाद जिलों में कार्रवाई शुरू कर दी गयी।

शिक्षा विभाग को जिलों से आंकड़ा प्राप्त हुआ है. 13 सितंबर तक 1 लाख से अधिक बच्चों का नामांकन रद्द किया जा चुका है. बताया गया कि इस आंकड़े में चार जिलों का जिक्र नहीं है. ये आंकड़ा अभी और बढ़ेगा. बताते चलें कि बीते दो सितंबर को के के पाठक ने जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया था और 15 दिनों तक स्कूल नहीं आने वाले बच्चों के नाम काटने के निर्देश दिए थे।