नवगछिया जिले के ध्रुवगंज निवासी गोपाल जी भारत के युवा वैज्ञानिक में से एक हैं। उनके प्रोजेक्ट का चयन नासा ने किया है। सब कुछ सही रहा तो नासा युवा वैज्ञानिक के मून मिशन में गोपाल जी । गोपाल जी द्वारा तैयार किए जाने वाले रोवर की तकनीक का नासा प्रयोग करेगी। नासा ने अपने एचईआरसी प्रोग्राम के लिए विश्व भर से 72 टीमों का सेलेक्शन किया है।
इसमें भारत से तीन टीमों का चयन हुआ है। इनमें से एक युवा वैज्ञानिक गोपाल जी की संस्था यंग माइंड रिसर्च डेवलपमेंट भी शामिल है। वाईएमआरडी के तहत भारत के उच्च विद्यालयों में से सात बच्चों का गोपालजी ने चयन किया है। उन्होंने इस का नाम काइजेल रखा है। यह नासा के मून मिशन के लिए ह्यूमन रोवर तैयार करेगी। 2024 के अप्रैल में टीम काइजेल और उसके गोपाल जी अमेरिका जाएंगे। इनके द्वारा तैयार किए गए रोवर की तकनीक को नासा के वैज्ञानिक देखेंगे। तकनीक ठीक साबित हुई तो नासा की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा । गोपाल जी ने बताया कि यह काफी गौरवान्वित करने वाला क्षण है। देश के लिए कुछ करने का मुझे मौका मिला है। उनकी संस्था का चयन एचईआरसी प्रोग्राम (ह्यूमन एक्सप्लोरेशन रोवर चैलेंज) के लिए हुआ है। नासा ने उनसे संपर्क किया है। जब भारत की स्पेस एजेंसी इसरो उन्हें रेस्पॉन्स देगी तो वह इसरो के साथ भी काम करेंगे। हमारी संस्था में जो बच्चे है वह 14 से 19 वर्ष के बीच के हैं।
केले से बिजली उत्पादन का बनाया था मॉडल
गोपाल ने 13 वर्ष की उम्र में केले से बिजली उत्पन्न कर खूब नाम कमाया था। अब केले के पल्प से सिंगल यूज प्लास्टिक, प्लेट, पेपर तैयार कर रहे हैं। उनके कार्यों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहा है। नासा ने गोपालजी को तीन बार नासा में काम करने का ऑफर दिया था जिसे गोपाल जी ने स्वीकार नहीं किया।
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