बिहार की राजधानी पटना में 13 जुलाई को इनकम टैक्स चौराहे पर बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की पिटाई का मामला अब तक शांत नहीं हुआ है।बीजेपी के दो नेताओं ने कोतवाली थाने में इसकी शिकायत दी थी। शिकायत में लाठीचार्ज की घटना के दौरान पुलिस प्रशासन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर जानलेवा हमले के आरोप लगाए गए थे।

कोतवाली थाने में की गई शिकायत में इस बात का जिक्र किया गया था की यह सारी घटना बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर अंजाम दी गई है। इस शिकायत पर एफआईआर दर्ज हुई हुई तो बीजेपी नेता शनिवार को कोर्ट पहुंच गए। कोर्ट में धारा 307, 323, 324, 354-A और 354-D के तहत परिवाद दाखिल किया गया है।

इस लाठीचार्ज के विरोध में बीजेपी अब कोर्ट पहुंच गई है। बीजेपी की महिला मोर्चा की अध्यक्ष लाजवंती झा ने बताया कि उन्होंने एक दर्जन भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मुख्य न्यायाधीश के सामने पटना के सिविल कोर्ट में परिवाद दायर किया है। लाजवंती झा का आरोप है कि पुलिस की तरफ से यह लाठीचार्ज भाजपा कार्यकर्ताओं की जान लेने की नीयत से किया गया था। इसमें बीजेपी के कई नेता घायल हुए। महिला कार्यकर्ताओं को भी गंभीर चोटें आईं। वहीं लाजवंती झा ने यह आरोप भी लगाया किस लाठीचार्ज के दौरान ही बीजेपी के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई।

बताते चलें, 13 जुलाई को शिक्षक बहाली में किए गए बदलाव और सीबीआई की चार्जशीट को लेकर बीजेपी इस्तीफे की मांग कर रही थी। इस मांग को लेकर बीजेपी की तरफ से पटना के गांधी मैदान से विधानसभा मार्च का ऐलान किया गया था। भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं को डाकबंगला चौराहे से आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। बैरिकेडिंग तोड़े जाने और पुलिस पर मिर्ची पाउडर फेंके जाने के बाद गुस्से में आई पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को जमकर पीटा।


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