रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। रामलला की जिस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, उसकी तस्वीर भी सामने आ चुकी है। ऐसे में अब भक्तों को 22 जनवरी का इंतजार है, जब रामलला का विधि-विधानों के साथ प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके लिए देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में तैयारियां की गई हैं। रामभक्तों में खूब उत्साह देखने को मिल रहा है। अलग-अलग राज्यों से और अलग-अलग मंदिरों से भगवान राम को भेंट भेजी जा रही है। बीते दिनों कई फीट लंबी अगरबत्ती रामलला को भेंट की गई। कभी कोई सोने से बना तीर और धनुष रामलला को भेंट कर रहा है। इस बीच एक और खास चीज अयोध्या पहुंच चुकी है।

भगवान राम को मिला विश्व का सबसे बड़ा ताला

दरअसल हम बात कर रहे हैं दुनिया के सबसे बड़े ताले की। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले दुनिया का सबसे बड़ा ताला अयोध्या पहुंच चुका है। इस ताले का वजन 400 किलोग्राम है। इसी के साथ 1265 किग्रा लड्डू प्रसाद भी शनिवार को अयोध्या पहुंचा है। ये दोनों मंदिर को चढ़ाए जाएंगे। बता दें कि इस ताले को अलीगढ़ में तैयार किया गया है। वहीं लड्डू को हैदराबाद में तैयार किया गया है। लेकिन इन दोनों में समानता केवल एक हैं और वो है भगवान राम की भक्ति। बता दें कि लड्डू प्रसाद को हैदराबाद के श्रीराम कैटरिंग सर्विसेज द्वारा तैयार किया गया है। लड्डू प्रसाद तैयार करने वाले कैटरिंग के मालिक हैं नागभूषणम रेड्डी। उन्होंने इस बाबत न्यूज एजेंसी एएनआई से बात भी की है।

लड्डू प्रसाद बनाने में 25 लोगों की मेहनत

उन्होंने कहा कि भगवान का मेरे व्यापार और परिवार पर आशीर्वाद है। मेरे पास फूड सर्टिफिकेट भी है। ये लड्डू एक महीने तक चलेंगे। इन्हें तैयार करने में 25 लोगों ने लगातार काम किया। इसे तैयार करने में 3 दिन का समय लगा। साथ ही जो लॉक अयोध्या पहुंचा है उसे 2 साल पहले तैयार किया गया था। इसे बनाने का काम सत्यप्रकाश शर्मा और उनकी पत्नी रुक्मणि शर्मा ने किया। ये अलीगढ़ के नोरंगाबाद के रहने वाले हैं। बता दें कि सत्य प्रकाश शर्मा की कुछ दिनों पहले ही मौत हो गई थी। उनकी ख्वाहिश थी कि इस ताले को अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को उपहार स्वरूप दिया जाए।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.