बिहार के कटिहार में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर दिव्यांग जोड़ों की सामूहिक शादी का आयोजन किया गया. जिसके तहत दो दिव्यांग जोड़े अग्नि को साक्षी मानकर परिणय सूत्र में बंध गए. पूरा मामला नगर थाना क्षेत्र के विनोदपुर इलाके का है, जहां दोनों जोड़े सात जन्मों के लिए एक दूसरे के जीवनसाथी बन गए हैं. वहीं इस शादी में परिजनों ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया और उनके मंगल जीवन की कीमना की।
कटिहार में दिव्यांग जोड़ों की शादी: बताया जा रहा है कि मनोज को बचपन से ही चलने परेसानी होती थी, जिस कारण कहीं भी उसके रिशते की बात नहीं बन पा रही थी. कुछ यही हाल लक्ष्मी का था जो कम रौशनी की वजह से पूरी तरह देख नहीं पाती है. कोसी क्षेत्रीय वृद्ध विधवा विकलांग समिति ने पहल करते हुए दोनों के परिवारों से बात की और फिर दोनों के के रिशता लेकर आई. शादी की बात सुनकर दोनों के परिजनों ने अपनी रजामंदी दी।
धूमधाम से हुई दो जोड़ों की शादी:बता दें कि स्थानीय सिंधी पंचायत भवन में सामूहिक शादी का आयोजन किया गया. जिसमें दोनों वर-वधू ने एक दूसरे को माला पहनाकर वैवाहिक जीवन में कदम रखा. संस्था के सचिव शिवशंकर रमाणि बताते हैं कि इस आयोजन के दौरान समाज के हर शख्स ने शिरकत की है. नवविवाहित जोड़े को लोगों ने खुशी-खुशी आशीर्वाद दिया और खुशहाल जीवन की कामना की है. इस दौरान नवविवाहित जोड़े को परिवार बसाने के लिये सामान भी दिया गया है।
हमारी संस्था की ओर से दिव्यांग जोड़ों की शादी कराई जाती है. इसके तहत ही एक सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ जिसमें दो जोड़ों की शादी कराई गई है. नवविवाहित जोड़े को परिवार बसाने के लिये सामान भी दिया गया है.”-शिवशंकर रमाणि, संस्था के सचिव
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