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रंग-बिरंगी गोभी उगती हैं इस खेत में,जानिए कैसे बनी यह किसानों की एक्स्ट्रा आय का जरिया

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किसान के बेटे डॉ. राजेश कुमार सिंह ने एग्रीकल्चर विषय में ही पढ़ाई की, ताकि किसानों की हर छोटी-मोटी दिक्क्तों की खत्म कर सकें और आज वह अपने काम के ज़रिए इसी प्रयास में लगें हैं। उनके नए प्रयोगों से अब तक 2000 किसानों की आय बढ़ चुकी है।

कृषि प्रधान देश में आज भी कई किसान मौसम की मार या बाजार के भाव पर निर्भर हैं। जिसके कारण अक्सर उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ता है। अपने किसान पिता को ऐसी ही समस्या का सामना करते हुए देखकर, डॉ. राजेश सिंह ने बचपन से यह फैसला किया था कि वह किसानों की इस दशा को सुधारने के लिए जरूर कुछ करेंगे।

इसी उदेश्य के साथ उन्होंने एग्रीकल्चर विषय की पढ़ाई की और आज वह कई किसानों की आय बढ़ाने में मददरूप बन रहे हैं। राजेश फ़िलहाल, बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय बांदा उत्तर प्रदेश में सब्जी विज्ञान विभाग में प्रोफेसर के तौर पर काम कर रहे हैं।

जब उन्होंने देखा कि ट्रॉपिकल क्लाइमेट होने के कारण किसान यहां खुले माहौल में नए प्रयोग नहीं कर पा रहें। तब उन्होंने एक पॉली हाउस बनाकर प्रोटेक्टेड क्लाइमेट में एक्सॉटिक फल-सब्जियां उगाना शुरू किया।

Dr. Rajesh Singh

उन्होंने किसानों को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग देने के लिए टमाटर के पौधे के नीचे फूलगोभी, अदरक, लहसुन जैसी सब्जियां उगाना शुरू किया। खास बात यह है कि वह कम पानी और कम जगह में ये सारे प्रयोग कर रहे हैं। हालांकि शुरुआत में किसानों को पॉली हॉउस बनाने का निवेश करना पड़ता है लेकिन डॉ. राजेश इस पूरी प्रक्रिया में किसानों की मदद करते हैं।

जुड़ें 2000 से ज़्यादा किसान

समय के साथ वह कई पारम्परिक खेती से जुड़ें किसानों को सीज़नल सब्जियों की खेती से जोड़कर उनकी आय बढ़ा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, देशभर के करीबन 2000 किसान आज उनसे जुड़कर प्रोटेक्टेड फार्मिंग की जानकारी ले रहे हैं।

अगर आप भी पारम्परिक खेती से हटकर कुछ अलग करना चाहते हैं और सही मार्गदर्शन की तलाश में हैं, तो आप डॉ. राजेश से 98813 03443 पर संपर्क कर सकते हैं।

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

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Tags: Farming Gobi

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