महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना गुट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के निर्णय को लेकर यह फैसला लिया है. महाराष्ट्र स्पीकर ने शिंदे खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली उद्धव गुट की याचिका को खारिज कर दिया है.10 जनवरी को, नार्वेकर ने ऐलान किया था कि 2022 में बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी के विभाजन को लेकर शिंदे गुट ही असली शिवसेना है. स्पीकर ने निर्णय सुनाया था कि ठाकरे के पास शिंदे, जो वर्तमान समय में सीएम हैं, उनको हटाने की कोई ताकत नहीं है. शिव सेना के संविधान के अनुसार शिंदे विधायक दल का नेता हैं।
स्पीकर ने ऐलान किया था कि कोई भी पार्टी नेतृत्व किसी पार्टी के अंदर असंतोष या अनुशासनहीनता को दबाने के लिए संविधान की 10वीं अनुसूची (दलबदल विरोधी कानून) के प्रावधानों का उपयोग नहीं कर सकता है. स्पीकर के अनुसार, जून 2022 में जब पार्टी विभाजित हुई तो एकनाथ शिंदे समूह को कुल 54 विधायकों में से 37 का समर्थन प्राप्त था।
आपको बता दें कि 10 जनवरी को महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने घोषणा की थी कि शिंदे गुट ही असली शिवसेना होगी. पार्टी को बालासाहेब ठाकरे ने तैयार किया था. आपसी मतभेद के कारण बाद में एकनाथ शिंदे ने कई विधायकों को लेकर पार्टी से दूरी बना ली थी. इसके बाद उन्होंने पार्टी शिवसेना पर भी अपना दावा ठोक दिया. उद्धव ठाकरे को पार्टी से बेदखल करने का प्रयास किया. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने भाजपा संग मिलकर राज्य में सरकार बनाई और महाराष्ट्र के सीएम बने।
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