जिस BSP सांसद ने पीएम मोदी के साथ किया था लंच, मायावती को छोड़ BJP में हुए शामिल

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उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर से बहुजन समाज पार्टी (BSP) केलोकसभा सांसद रितेश पांडे ने इस साल बजट सत्र के दौरान पीएम मोदी के साथ संसद भवन की कैंटीन में लंच किया था। अब आज सांसद रितेश पांडे ने बसपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और थोड़ी देर बाद ही बीजेपी में शामिल भी हो गए। संसद के बजट सत्र के दौरान संसद भवन की कैंटीन में प्रधानमंत्री मोदी ने जिन 9 सांसदों के साथ लंच किया था, रितेश पांडेय भी उनमें शामिल थे।

इस्तीफे में लिखी अपनी शिकायतें

रितेश पांडे के बीजेपी में शामिल होने के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा उन्हें अंबेडकर नगर से सांसदी का टिकट दे सकती है। बता दें कि पांडे एक राजनीतिक परिवार से आते हैं और उनके पिता राकेश पांडे समाजवादी पार्टी से विधायक हैं। रितेश पांडे ने बसपा सुप्रीमो मायावती को भेजे अपने इस्तीफे की कॉपी सोशल मीडिया पर भी शेयर की है। इसमें पांडे ने दूसरे पैराग्राफ में लिखा, “लंबे समय से मुझे न तो पार्टी की बैठकों में बुलाया जा रहा था और न ही नेतृत्व के स्तर पर संवाद किया जा रहा था। मैंने आपसे तथा शीर्ष पदाधिकारियों से संपर्क करने के लिए, भेंट करने के अनगिनत प्रयास किए लेकिन कोई हल नहीं निकला। इस दौरान में अपने क्षेत्र में लोगों से और पार्टी कार्यकर्ताओं से लगातार मिलता रहा। मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि पार्टी को मेरी सेवा और उपस्थिति की अब कोई जरूरत नहीं है इसलिए मेरे पास पार्टी से इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। पार्टी से नाता तोड़ने का फैसला भावात्मक रूप से कठिन फैसला है। आपसे आग्रह है कि मेरे इस त्यागपत्र को अविलंब स्वीकार किया जाए। मैं आपके और पार्टी के प्रति पुनः आभार व्यक्त करता हूं तथा शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं।”

इस्तीफा आते ही मायावती ने दी प्रतिक्रिया

सांसद रितेश पांडे के इस्तीफा देते ही मायावती ने भी सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी और सीधे भाजपा पर हमला किया। मायावती ने अपने आधिकारिक X अकाउंट पर लिखा, “बीएसपी राजनीतिक दल के साथ ही परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के मिशन को समर्पित मूवमेन्ट भी है जिस कारण इस पार्टी की नीति व कार्यशैली देश की पूंजीवादी पार्टियों से अलग है जिसे ध्यान में रखकर ही चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार भी उतारती है। अब बीएसपी के सांसदों को इस कसौटी पर खरा उतरने के साथ ही स्वंय जाँचना है कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का सही ध्यान रखा? क्या अपने क्षेत्र में पूरा समय दिया? साथ ही, क्या उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित में समय-समय पर दिये गये दिशा-निर्देशों का सही से पालन किया है?”

मायावती ने अलगे ट्वीट में लिखा, “ऐसे में अधिकतर लोकसभा सांसदों का टिकट दिया जाना क्या संभव, खासकर तब जब वे स्वंय अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं व निगेटिव चर्चा में हैं। मीडिया द्वारा यह सब कुछ जानने के बावजूद इसे पार्टी की कमजोरी के रूप में प्रचारित करना अनुचित। बीएसपी का पार्टी हित सर्वोपरि।”

Shailesh Kumar

My name is Shailesh and I am a graduate working for VOB. I have been updating news on website from more than three years.

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