पटना: बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिल सकता है.पर इसके लिए अभी इंतजार करना होगा…बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा ली जा रही शिक्षक भर्ती प्रकिया पूरी होने के बाद नियोजित शिक्षकों की मांग पर बिहार सरकार विचार करेगी..ये बातें आज खुद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान राज्यवासियों को संबोधित करते हुए गांधी मैदान से की हैं।
बताते चलें कि बिहार सरकार ने 2023 में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नई नियमावली बनाई है जिसके तहत नगर निकाय और पंचायतीराज संस्थानों द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति करने के बजाय बीपीएससी द्वारा परीक्षा ली जा रही है.बीपीएससी द्वारा नियुक्त किए गए शिक्षकों को नियोजित शिक्षकों से ज्यादा वेतन मिलेगा और उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा भी मिलेगा.राज्यकर्मी की दर्जा और बढ़ा हुआ वेतनमान पाने के लिए नियोजित शिक्षकों को भी बीपीएससी की परीक्षा में शामिल होने के लिए कहा गया था और इसके लिए इन्हें अधिकतम उम्र सीमा में छूट भी दी गई है,ये परीक्षा 24 से 26 अगस्त तक होने जा रही है.इसमें काफी संख्या में नियोजित शिक्षकों ने आवेदन भी किया है,पर राज्य के अधिकांश नियोजित शिक्षक बिना किसी परीक्षा में शामिल हुए राज्यकर्मी के दर्जे की मांग कर रहें हैं.उनके इस मांग को विपक्षी बीजेपी के साथ ही सत्ताधरी दलों के कई नेताओं का भी समर्थन मिल रहा है।
बढ़ते राजनीतिक दबाव के बाद सीएम नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर महागठबंधन के नेताओं के साथ बैठक की थी.बैठक में शामिल सहयोगी दलों के नेताओं के बयान से साकारात्मक संकेत मिलेथे. इसके बाद नियोजित शिक्षकों को उम्मीद थी कि चुनावी साल में सीएम नीतीश कुमार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गांधी मैदान से उनके लिए बड़ी घोषणा कर सकतें हैं,पर उनकी उम्मीदों को सीएम नीतीश कुमार ने कुछ बल तो दिया है पर पूरी घोषणा नहीं की है और इसके लिए उन्हें कुछ दिनों तक इंतजार करने को कहा है.इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि 2024 में होनेवाले लोकसभा चुनाव की प्रकिया शुरू होने से पहले नीतीश कुमार की सरकार नियोजित शिक्षकों को बड़ा तोहफा दे सकती है।
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