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पानी पर तैरता घर है अनोखा प्रयोग: अश्विनी चौबे

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पानी पर तैरता घर है अनोखा प्रयोग: अश्विनी चौबे

  • केंद्रीय मंत्री ने किया निरीक्षण, प्रधानमंत्री के मिशन लाइफ से प्रेरित

बक्सर।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने रामरेखा घाट के सामने गंगा नदी में बने फ्लोटिंग हाउस(पानी में तैरता घर) का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि यह अनोखा प्रयोग है। लाइफ स्टाइल फ़ॉर एनवायरनमेंट से प्रेरित है।

इसे बिहार के आरा के प्रशांत व उनकी टीम ने बनाया है। केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने कहा कि यह एक अनोखा प्रयास है। सबसे अच्छी बात है कि इस प्राकृतिक घर को बनाने में किसी भी तरह से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। घर बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट का भी अनोखा उदाहरण है। केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने कहा कि इस तरह के घर इको टूरिज्म को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। साथ ही बाढ़ आदि में है फ्लोटिंग हॉस्पिटल आदि को बल प्रदान कर सकता है। इंजीनियर प्रशांत ने केंद्रीय मंत्री श्री चौबे को पानी पर तैरता घर घुमाया। केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने कहा कि इस घर को विशेषज्ञ को दिखाया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मिशन लाइफ मंत्र से यह प्रेरित है। घर बनाने वाले प्रशांत कुमार बिहार के आरा (भोजपुर) मूलतः निवासी है। उन्होंने अपशिष्ट और प्राकृतिक सामग्री और रचनात्मक कला के साथ काम करने में विशेषज्ञता हासिल है। उन्होंने लंबे समय तक इंजीनियरिंग में प्रशिक्षण लिया और इसे अपने जुनून में लागू किया। उनके काम में टिकाऊ निर्माण, अपशिष्ट पुनर्चक्रण और सामाजिक प्रभावों के लिए परियोजनाओं जैसे विविध क्षेत्र शामिल हैं।

2017 में, उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम (एक विश्व एक परिवार) का संदेश फैलाते हुए साथी सवार ‘बेंजामिन रीड’ के साथ भारत से स्कॉटलैंड तक मोटरसाइकिल यात्रा शुरू की। 2020 में, प्रशांत बिहार लौट आए और स्थानीय बिहारियों को अपशिष्ट पुनर्चक्रण, प्राकृतिक निर्माण और कई अन्य लचीले आजीविका तरीकों में प्रशिक्षित करने के लिए एक कौशल प्रशिक्षण केंद्र विकसित करने पर काम करना शुरू कर दिया। प्रशांत ने केंद्रीय मंत्री श्री चौबे को बताया कि यह भारत का पहला जलवायु अनुकूल फ्लोटिंग हाउस है। जलवायु अनुकूल बिहार और दुनिया के लिए अपनी दीर्घकालिक दृष्टि परियोजना का पहला चरण पूरा कर लिया है, जो लाखों लोगों को बाढ़ से बचाने में मदद कर सकता है। उन्होंने बताया कि उनकी परियोजनाएं स्थिरता की ओर झुकी हुई हैं और उनका विचार बिहार को टिकाऊ जीवन के लिए एक उदाहरण के रूप में पेश करना और हमारी भावी पीढ़ी के लिए एक उदाहरण पेश करना है। प्रशांत का दृष्टिकोण बिहार में भारत का पहला टिकाऊ जलवायु लचीला तैरता हुआ गाँव बनाना है, जो जलवायु संकट के दौरान भी अपनी चक्रीय अर्थव्यवस्था के साथ पनप सके। केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने प्रशांत व उनकी टीम को इस प्रयास के लिए बधाई दी है।

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

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