धनी राम मित्तल… ये वो नाम है जिसने पूरे कानून के नाक में दम कर रखा था। चोरी की दुनिया में इसे ‘नटरवाल लाल’ कहा जाता है, कहते हैं कि चोरों के बीच यही नाम सबसे ज्यादा फेमस है, आलम यह कि 4 राज्यों की पुलिस थानों में 150 से अधिक केस दर्ज हैं। कहते हैं कि धनीराम मित्तल के पास चोरी का हुनर तो था ही, लेकिन अदाकारी जो हुनर था उससे वो बड़े-बड़े बॉलीवुड एक्टर की छुट्टी कर देता। एक बार तो धनीराम ने हद ही कर दी थी, फर्जी जज बनकर कई अपराधियों को जमानत दे दी, जिससे पूरा सिस्टम हिल गया था। अब खबर आ रही है कि धनी राम मित्तल की मौत हो गई है।
पुलिस के मुताबिक, धनीराम को कई हेल्थ इश्यूज थे, जिसके कारण चोर की 85 साल की आयु में मौत हो गई है। धनीराम मित्तल का अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमघाट पर किया गया। धनीराम पर हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब और राजस्थान में 150 से ज्यादा चोरी के मामलों शामिल था, जिसमें से 90 से अधिक केसों में मित्तल जेल भी जा चुका था। पुलिस के मुताबिक, चोरी, धोखाधड़ी और जालसाजी के एक हजार से ज्यादा मामलों में सीधे शामिल था। सबसे पहले धनीराम का नाम 1964 में सबके सामने आया था, उसके बाद फिर कभी रूका नहीं।
पुलिस के मुताबिक, एक बार उसने हरियाणा के झज्जर कोर्ट की पार्किंग से कार चुराई थी। उसने झज्जर कोर्ट में कुछ दिन जज बनकर लंबी सजा काट रहे अपराधियों को रिहा करने का आदेश दे दिया था। धनी राम मित्तल रोहतक से बीएससी पास था और बाद में उसने राजस्थान से एलएलबी भी किया। एलएलबी करने के बाद उसने वकीलों के यहां मुंशी का काम सीखा। इसके बाद फर्जी डाक्यूमेंट बनाए और स्टेशन मास्टर की नौकरी हासिल की और वहां 1968 से 1974 तक काम किया। साल 2016 में 77 साल की उम्र में उसे रानी बाग में एक कार चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के मुताबिक, उसकी यह 95वीं बार गिरफ्तारी थी।
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