आगरा के एयरफोर्स में नौकरी करने वाले कुक को शादी करना बहुत भारी पड़ गया। शादी के दूसरे ही दिन उसकी पत्नी घर से चली गई। संपत्ति हड़पने के लिए फर्जी केस दर्ज करा दिए। कई सालों तक वह अदालतों के चक्कर काटता रहा। 13 साल बाद न्यायालय ने उसे बेकसूर साबित किया। केस के मुताबिक अलीगढ़ निवासी त्रिलोक सिंह उर्फ शैंटू कानपुर एयरफोर्स में कुक की नौकरी करता है। उसकी शादी आगरा निवासी युवती के साथ हुई थी। शादी के दूसरे ही दिन युवती अपने मायके चली गई थी।
बताया गया कि पत्नी ने अगले दिन उसे फोन कर पैसे की डिमांड कर डाली। शैंटू और उसके बड़े भाई की शादी भी साथ-साथ हुई हुई थी। दोनों शादियां एक ही परिवार की दो बहनों के साथ हुई थीं। इसके बाद एयरफोर्स कर्मी की पत्नी दो दिन बाद ही अपने माके चली गई। उसने अपने पति से घर लौटने के लिए मोटी रकम की मांग की थी। इसे पूरा न करने पर महिला ने पति पर फर्जी केस कर दिया। साथ ही केस में ससुराल वालों का भी नाम लिखवाया।
उसने झूठ को सच साबित करने की कोशिश की और कोर्ट में कहा कि उसके ससुराल वालों ने उसे मारा-पीटा औऱ प्रताड़ित किया। यहां तक की उसे जान से मारने की कोशिश की। कोर्ट में 13 साल चली सुनवाई के बाद महिला का झूठ सामने आया और एयरफोर्स कर्मी को केस में बरी किया गया है।
कानपुर से आगरा लगातार 13 साल कोर्ट की तारीखें करता रहा। केस की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज पाठक ने बताया कि पीड़ित पक्ष को फंसाने के लिए उसके ससुरालीजनों ने साजिश रची थी। घटना में दिखाया कि एक कार के भीतर डंडों से पीटा गया है। दुपट्टे से गला घोंटा गया है। इसके अलावा इस घटना में 7 लोगों को प्रत्यक्षदर्शी भी बताया गया, लेकिन जब अदालत में सुनवाई हुई तो उनका झूठ पकड़ा गया। कोर्ट ने पीड़ित पक्ष को बरी कर दिया है।
This website uses cookies.
Read More