यह ‘हिंदूफोबिया’ नहीं….सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपने परदादा के हिंदू होने वाले दावे पर यूं दिया जवाब

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद के मुसलमानों के पूर्वजों को लेकर दिए बयान पर बहस छिड़ी हुई है। ऐसे में अब AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का भी बयान सामने आया है। असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें हिंदू ब्राह्मण तुलसीरामदास को उनका परदादा बताया गया है।

ओवैसी ने एक ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा, “यह मेरे लिए हमेशा मनोरंजक रहा है, जब संघियों को एक वंश गढ़ना होता है, तब भी उन्हें मेरे लिए एक ब्राह्मण पूर्वज ढूंढना पड़ता है। हम सभी को अपने कर्मों का उत्तर खुद देना होगा। हम सभी आदम और हव्वा अलैहिस्सलाम की संतान हैं। जहां तक ​​मेरी बात है, तो मुसलमानों के समान अधिकारों और नागरिकता के लिए लोकतांत्रिक संघर्ष आधुनिक भारत की आत्मा की लड़ाई है। यह ‘हिंदूफोबिया’ नहीं है।”

महिला ने क्या लिखा था?

दरअसल, डॉ. पूर्णिमा नाम की एक महिला ने ट्वीट कर कहा था, “फारूक अब्दुल्ला के परदादा बालमुकुंद कौल एक हिंदू ब्राह्मण थे। असदुद्दीन ओवैसी के परदादा तुलसीरामदास एक हिंदू ब्राह्मण थे। एम जिन्ना के पिता जिन्नाभाई खोजा हिंदू खोजा जाति के थे और ये तीनों आज के मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करते हैं और हिंदूफोबिया उगलते हैं।”

आजाद ने अपने बयान पर दी सफाई

वहीं, गुलाम नबी आजाद ने हिंदू धर्म से धर्मांतरित मुसलमान वाले अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मैंने जो कहा था उसका पूरा वीडियो रिकॉर्ड नहीं किया गया, जिसकी वजह से जनता में भ्रम पैदा हो गया। उन्होंने कहा, “मैं हिंदू-मुसलमान के इतिहास के बारे में बोल रहा था। मैं ये भी बोल रहा था कि कुछ लोग जो हमेशा कहते हैं कि मुसलमान बाहर से आए हैं, जिसका मैं हमेशा तर्क देता हूं कि बहुत ही कम मुस्लिम बाहर से आए हैं। ज्यादातर हिंदुस्तानी मुसलमान हैं। दुनिया में और हिंदुस्तान में भी इस्लाम कभी भी तलवार के बल पर नहीं आया है, बल्कि मोहब्बत, प्यार और पैगाम के जरिए आया है। बदकिस्मती से इस चीज को रिकॉर्ड नहीं किया गया है।”

क्या कहा था गुलाम नबी आजाद ने?

इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने कहा था, “बीजेपी के कुछ नेताओं ने कहा कि कुछ मुसलमान बाहर से आए हैं और कुछ नहीं। कोई भी बाहर या अंदर से नहीं आया है। इस्लाम धर्म केवल 1500 साल पहले अस्तित्व में आया। हिंदू धर्म बहुत पुराना है। उनमें से लगभग 10-20 मुसलमान बाहर से आए होंगे, जिनमें से कुछ मुगल सेना में भी थे। बाकी तो हिंदुस्तान में सब मुसलमान हिंदू से कन्वर्ट हो गए। कश्मीर में कौन था 600 साल पहले, सब कश्मीरी पंडित थे। सब मुसलमान बन गए। सब इसी (हिंदू) धर्म में पैदा हुए।”

Shailesh Kumar

My name is Shailesh and I am a graduate working for VOB. I have been updating news on website from more than three years.

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