टनल में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने की लगातार कोशिश जारी है। इस बीच इन कोशिशों को बड़ा झटका लगा है। ऑगर मशीन खराब हो गई है। अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने शनिवार को कहा कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए जिस ऑगर मशीन से ‘ड्रिल’ की जा रही थी, वह खराब हो गई है।
डिक्स ने सिलक्यारा में कहा, ‘‘ऑगर टूट गई है, क्षतिग्रस्त हो गई है।’’ पिछले कुछ दिन से ऑगर मशीन से ड्रिल करने के दौरान लगातार बाधाएं आ रही थीं। जब उनसे हाथ से या लंबे तरीके से ड्रिल करने जैसे अन्य विकल्पों के बारे में पूछा गया तो डिक्स ने कहा कि सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम जो भी विकल्प अपना रहे हैं उसके अपने फायदे और नुकसान हैं। हमें बचावकर्ताओं की और श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है।’’ चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे उसमें काम कर रहे 41 श्रमिक फंस गए थे। तब से विभिन्न एजेंसियां उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने कुछ दिन पहले कहा था कि लंबवत ड्रिलिंग अधिक समय लेने वाला और जटिल विकल्प है, जिसके लिए सुरंग के ऊपरी हिस्से पर अधिक सटीकता और सावधानी बरतने की आवश्कयता होती है। सुरंग में फंसे श्रमिकों के परिजन मशीन से ड्रिलिंग में बार-बार बाधा आने से धीरे-धीरे धैर्य खो रहे हैं।
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