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भारत खिलाएगा दुनिया को 1 अरब डॉलर का केला, जानें सरकार का क्या है योजना

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भारत ने अगले पांच साल में केला निर्यात को 1 अरब डॉलर (8,333 करोड़ रुपये) पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. समुद्री मार्ग से परीक्षण के तौर पर नीदरलैंड को केले के सफल निर्यात के बाद भारत ने यह लक्ष्य तय किया है. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. फिलहाल मात्रा कम होने तथा पकने की अलग-अलग अवधि की वजह से फलों का ज्यादातर निर्यात हवाई मार्ग से होता है.

भारत समुद्री मार्ग के माध्यम से अपने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केले, आम, अनार और कटहल जैसे ताजे फलों और सब्जियों के लिए समुद्री प्रोटोकॉल विकसित कर रहा है. इस प्रोटोकॉल में यात्रा के समय को समझना, वैज्ञानिक रूप से इन वस्तुओं के पकने की अवधि, एक विशेष समय पर कटाई करना और किसानों को प्रशिक्षण देना शामिल है. ये प्रोटोकॉल अलग-अलग फलों और सब्जियों के लिए भिन्न-भिन्न होंगे.
हितधारकों के साथ मिलकर बनाया प्रोटोकॉल
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने अन्य हितधारकों के साथ मिलकर केले के लिए ये प्रोटोकॉल विकसित किए हैं. एपीडा वाणिज्य मंत्रालय की एक इकाई है. अधिकारी ने कहा, ‘‘सफल परीक्षण निर्यात के साथ भारत का लक्ष्य अगले पांच साल में एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य के केले निर्यात करना है, जो समुद्री मार्ग के माध्यम से एक विविध बाजार पोर्टफोलियो के द्वार खोल देगा.’’ परीक्षण खेप पांच दिसंबर को रॉटरडैम, नीदरलैंड पहुंची। यह खेप बारामती, महाराष्ट्र से भेजी गई थी।
कहां होता है निर्यात
अधिकारी ने कहा कि भारत का केला निर्यात गंतव्य पश्चिम एशिया से आगे तक फैला है. केला निर्यात के लिए अमेरिका, रूस, जापान, जर्मनी, चीन, नीदरलैंड, ब्रिटेन और फ्रांस में अवसर हैं. दुनिया का सबसे बड़ा केला उत्पादक होने के बावजूद, वैश्विक निर्यात में भारत का हिस्सा फिलहाल केवल एक प्रतिशत है. वैश्विक केला उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 26.45 प्रतिशत है. भारत का केला निर्यात 2022-23 में 17.6 करोड़ डॉलर रहा था.
Shailesh Kumar

My name is Shailesh and I am a graduate working for VOB. I have been updating news on website from more than three years.

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