कर्नाटक में ‘मंकी फीवर’ का कहर तेजी से बढ़ रहा है। उत्तर कन्नड़ जिले में अब तक 49 मामले सामने आ चुके हैं। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मंकी फीवर की वजह से कर्नाटर में दो लोगों को मौत हो गई है। तेजी से फैलते इस वायरस से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तैयारियों में जुटे हैं। वहीं महाराष्ट्र और गोवा में भी मंकी फीवर के केस मिलने लगे हैं। जान लें कितना खतरनाक है मंकी फीवर और क्या हैं इसके लक्षण?
NLM (National Library of Medicine) की एक रिपोर्ट के मुताबिक मंकी फीवर यानी क्यासानूर फॉरेस्ट डिजीज एक ऐसी बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। बंदरों के शरीर में टिक्स (किलनी) पाए जाते हैं जो इंसानों को काट सकते हैं और ये बीमारी इंसानों में आ सकती है। मंकी फीवर को इंसानों के लिए खतरनाक बताया जा रहा है।
मंकी फीवर के लिए फिलहाल कोई खास ट्रीटमेंट नहीं है। इसलिए जितनी जल्दी हो सके लक्षणों की पहचान करें और डॉक्टर की सलाह पर इलाज कराएं। बचाव के लिए इम्यूनिटी को मजबूत रखें। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और साफ-सफाई का ख्याल रखें। मंकी फीवर से बचने के लिए एक वैक्सीन भी है जिससे इसके खतरे को कम किया जा सकता है।
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