न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों के लिए पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन की पूरी तैयारी कर ली है। किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर दिखना शुरू हो गए हैं। वे अपनी मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए सड़कों पर उतर चुके हैं।
पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर तैनात हो चुके हैं। साल 2021 के प्रदर्शन की तरह ही इस बार भी किसान अपनी मांगों के लिए विरोध पर उतरे हैं। वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत अपनी और कई मांगों को स्वीकार कराने के लिए विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए राज्यों की सीमाओं पर जवानों का कड़ा पहरा है।
किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान घायल हुए रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को अंबाला के सिविल अस्पताल लाया गया। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया गया। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने हरियाणा पुलिस पर भारी पथराव किया जिसके जवाब में हरियाणा पुलिस ने वॉटर कैनन तथा अश्रु गैस का इस्तेमाल करके स्थिति को नियंत्रण में लिया। कानून सभी के लिए समान है और हम सभी को इसका सम्मान करना चाहिए। प्रदर्शन की आड़ में उपद्रव फैलाने की अनुमति किसी को नहीं है , ऐसे लोगों पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
किसानों के विरोध प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि उन्होंने जो मांगें रखी थीं, उनमें से अधिकांश सरकार ने पूरी कर दी हैं। बाकी मांगों के संबंध में पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय जैसे संबंधित मंत्री बात कर रहे हैं।
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