ग्रामीण कार्य विभाग मरम्मत अवधि से बाहर हो गई ग्रामीण सड़कों की मरम्मत में जुट गया है। विभाग ने लगभग दो हजार किमी ग्रामीण सड़कों की डीपीआर तैयार कर ली है। अब इन सड़कों का जल्द ही टेंडर होगा। विभाग की कोशिश है कि अगले बरसात के पहले इन सभी सड़कों की मरम्मत कर ली जाए, ताकि लोगों को आने-जाने में परेशानी नहीं हो।
विभाग के अधीन अभी एक लाख 10 हजार किमी से अधिक ग्रामीण सड़कों का नेटवर्क है। इसमें से बड़ी संख्या में वैसी सड़कें हैं, जिसका निर्माण पांच साल से पहले हुआ है और अब वह मरम्मत अवधि से बाहर हो चुकी है। इन सड़कों का सतह खराब हो चुका है। इसका नए सिरे से निर्माण जरूरी है। विभाग ने इन सड़कों की मरम्मत की घोषणा पहले ही की थी। उसी क्रम में कार्य प्रमंडलवार सड़कों का चयन कर उसकी डीपीआर बनाई जा रही है। अभी 646 सड़कों की डीपीआर तैयार हो गई है जिसकी कुल लंबाई 1943.79 किलोमीटर है। अब इन सड़कों के निर्माण के लिए पैकेजवार टेंडर जारी होगा। एक पैकेज में तीन से सात सड़कों को शामिल किया जाएगा। सड़कों की मरम्मत में औसतन प्रति किमी 30-35 लाख का खर्च आएगा।
जिन सड़कों की डीपीआर तैयार हो गई है उसमें हाजीपुर कार्य प्रमंडल के अधीन 35 सड़कें हैं, जिसकी कुल लंबाई 81.66 किमी है। मुजफ्फरपुर पूर्वी में 78 सड़कों की लंबाई 170 किमी, मुजफ्फरपुर पूर्वी दो में 46 सड़कों की लंबाई 157 किमी तो मुजफ्फरपुर पश्चिमी में 77 सड़कों की लंबाई 178 किमी है। वहीं बारसोई में नौ सड़कों की लंबाई 31 किमी, दलसिंहसराय में 26 सड़कों की लंबाई 70 किमी, डिहरी में 42 सड़कों की लंबाई 85 किमी, धमदाहा में 10 सड़कों की लंबाई 62 किमी है। सासाराम-दो में 47 सड़कों की लंबाई 101 किमी, सिमरी बख्तियारपुर में 43 सड़कों की लंबाई 111 किमी, उदाकिशुनगंज में 34 सड़कों की लंबाई 113 किमी तो वीरपुर में 24 सड़कों की लंबाई 80 किमी है।
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