बिहार में एकबार फिर से सियासी हलचल तेज है। वजह ये है कि सीएम नीतीश कुमार को 12 फरवरी को बहुमत साबित करना है और फ्लोर टेस्ट से पहले एनडीए और महागठबंधन, दोनों की तरफ से अपने-अपने विधायकों को एकजुट रखने की कोशिश जारी है। जेडीयू की तरफ से पूर्व मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर फ्लोर टेस्ट से ठीक एक दिन पहले भोज का आयोजन किया गया था जिसमें सीएम नीतीश के साथ ही जदयू के विधायक पहुंचे थे। वहीं दूसरी तरफ अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए दोपहर 3 बजे राजद ने भी अपने विधायकों को राबड़ी देवी के आवास पर बुलाया। कांग्रेस ने तो पहले ही अपने विधायकों को हैदराबाद रवाना कर दिया था।
जानकारी के मुताबिक जदयू ने कल यानी 12 फरवरी को भी मंत्री विजय चौधरी के आवास पर विधायकों की बैठक हुलाई है, हालांकि सभी दलों की तरफ से दूसरे दलों मे टूट होने और अपनी पार्टी के विधायकों के एकजुट होने का दावा किया जा रहा है लेकिन ये तो प्लोर टेस्ट के बाद ही पता चलेगा कि पलटासन किन-किन पार्टियों में हुआ है।
जदयू अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा है कि 12 फरवरी को सीएम नीतीश कुमार बिहार विधानसभा में शक्ति परीक्षण करेंगे। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनी है, यह विपक्ष को यह समझना चाहिए। वे सीधे हमारे नेताओं और हमारी पार्टी से नहीं लड़ सकते। हम उन्हें इसका करारा जवाब देंगे। हम सभी एनडीए के साथ हैं।”
श्रवण कुमार के यहां आयोजित भोज में नीतीश कुमार शामिल जरूर हुए लेकिन पांच मिनट में ही निकल गए। मीडिया के सवालों पर नीतीश ने कुछ नहीं कहा, बस, मुस्कुराते हुए निकल गए। वहीं सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार छह विधायकों को भोज में नहीं देखकर नाराज हो गए थे। इन छह विधायकों के नाम हैं-डॉक्टर संजीव, गूंजेश्वर शाह, बीमा भारती, शालिनी मिश्रा और सुदर्शन कुमार। कहा जा रहा है कि कुछ विधायक बीमार हो गए हैं और कुछ पारिवारिक कारणों से भोज में नहीं आए हैं। वहीं, विधायकों के भोज में नहीं आने से सियासी गलियारे में हड़कंप मचा हुआ है।
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