केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को कहा गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत निशुल्क अनाज लेते रहे, क्योंकि केंद्र द्वारा अब इस स्कीम को अगले पांच वर्ष के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। इससे पहले ये योजना 31 दिसबंर को समाप्त हो रही थी।
फाइनेंसियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, खाद्य मंत्रालय द्वारा एफसीआई को संदेश दिया गया है कि अगले आदेश तक खाद्यान्न का निशुल्क वितरण राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को करते रहें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से छत्तीसगढ़ की एक चुनावी सभा में दिसंबर 2023 को समाप्त हो रही फ्री राशन स्कीम को अगले पांच वर्ष के लिए आगे बढ़ा दिया गया था। सरकार की ओर से एफसीआई को भेजी गई सूचना को स्कीम को पांच वर्ष के लिए आगे बढ़ाने का पहना कदम माना जा रहा है।
बता दें, नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के अतिरिक्त फ्री में राशन वितरण से सरकार का अतिरिक्त 15,000 करोड़ रुपये का खर्च होने की संभावना है। एएफएसए के तहत सरकार पहले ही सब्सिडी पर अनाज देती है। आधिकारिक अनुमान के अनुसार,प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को जस के तय चलाने के लिए करीब 11 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।
वित्त वर्ष 2023-24 में एफसीआई की चावल और गेहूं की लागत 39.18 रुपये प्रति किलो और 27.03 रुपये प्रति किलो रहने का अनुमान है, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 में चावल की 35.62 रुपये प्रति किलो और चावल की 27.03 रुपये प्रति किलो रही थी।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना सरकार की ओर से कोरोना के दौरान अप्रैल 2020 में लॉन्च की गई थी। इस स्कीम के तहत सरकार करीब 80 करोड़ रुपये निशुल्क 5 किलो अनाज उपलब्ध कराती है।
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