Categories: Bihar

बिहार के हजारों शिक्षकों की नौकरी बचाने सुप्रीम कोर्ट जाएगी नीतीश सरकार, पटना हाई कोर्ट ने बीएड डिग्रीधारी प्राथमिक टीचरों को बताया है अवैध

Published by
Share

बिहार के हजारों नियोजित शिक्षकों की नौकरी बचाने के लिए नीतीश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. पटना हाई कोर्ट ने पिछले महीने 6 दिसंबर 2023 को एक आदेश दिया था. इसमें बीएड डिग्री पर नियोजित शिक्षकों की छठे चरण में नियुक्ति हुई थी. ऐसे शिक्षक पहली से पांचवी कक्षा तक बच्चों को पढाते हैं. लेकिन 6 दिसम्बर के हाई कोर्ट के आदेश में कहा गया कि बिहार में प्राइमरी स्कूलों में बीएड पास डिग्रीधारी शिक्षक जॉइनिंग के योग्य नहीं होंगे।

पटना हाई कोर्ट के इस आदेश से हजारों शिक्षकों का भविष्य अधर में लटक गया है. इसे लेकर शिक्षकों में निराशा व्याप्त है और वे नीतीश सरकार से इस मसले पर उनकी नौकरी बचाने की अपील कर रहे थे. अब इसी क्रम में बिहार सरकार ने पटना हाई कोर्ट इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है. इसके लिए सरकार के महाधिवक्ता पीके शाही ने शिक्षा विभाग को पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने का सुझाव दिया है.सरकार ये तर्क देगी कि छठे चरण की शिक्षक नियुक्ति प्रकिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले ही पूरी हो गयी थी.इसलिए इन पर ये आदेश लागू नहीं किया जाए।

दरअसल, छठे चरण में नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति करीब दो साल पहले हुई थी. वे पिछले दो साल से सेवारत भी हैं. एक अनुमान के मुताबिक ऐसे शिक्षकों की संख्या करीब 20 हजार से ज्यादा है. इनमें से बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं जिनकी नौकरी की अधिकतम आयु सीमा भी अब पार कर चुकी है. यानी वे अपनी श्रेणी में अब फिर से नौकरी के लिए आवेदन भी नहीं कर सकते हैं. बिहार सरकार ने शिक्षकों के भविष्य को बचाने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने का फैसला किया है।

 

Sumit ZaaDav

Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.

This website uses cookies.

Read More